कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह से प्रभावित इकॉनमी में रिकवरी नजर आने लगी है। जुलाई में गाड़ियों की बिक्री से लेकर मैन्युफैक्चरिंग PMI और निर्यात जैसे मोर्चों पर तेजी देखी गई।
सेमी-कंडक्टर कमी के बावजूद शानदार बिक्री
मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स समेत बड़ी ऑटो कंपनियों ने घरेलू पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री में दोहरे अंकों की ग्रोथ दर्ज की है। इन कंपनियों को बेहतर कंज्यूमर सेंटिमेंट का भी फायदा मिला है। मारुति की पिछले साल से 50 फ़ीसदी बढ़कर 1,62,462 गाड़ियां बिकी हैं।
जबकि होंडा, निसान, स्कोडा ने भी सेमी-कंडक्टर की कमी के बावजूद जुलाई में शानदार बिक्री की। हालांकि देश में दोपहिया वाहन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी हीरो मोटरकॉर्प की सेल जून से 3 फ़ीसदी कम हुई है।
PMI सुधर कर 55.3 हुआ
जोरदार गिरावट के बाद जुलाई में PMI सुधर कर 55.3 हो गया है, जो 3 महीने का हाई लेवल है। इंडेक्स के 50 से ऊपर होने का मतलब है कि इसमें ग्रोथ हो रही है। जून में ये 48 अंक पर आ गया था। इंडस्ट्री चैंबर का कहना है कि GST कलेक्शन में तेजी के बाद ये सबसे अच्छी खबर है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी आई
IHS मार्किट की एसोसिएट डायरेक्टर ने कहा कि जून में गिरावट के बाद अगले महीने ही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी आना जोश बढ़ाने वाला है। खास बात ये है कि तेजी नए ऑर्डर मिलने के कारण आई। विदेश से मांग बढ़ने से उनके टोटल आर्डर बुक में इजाफा हुआ।
उनका कहना है कि हालात में सुधार रोजगार के मौके बनने का अभी संदेश दे रहा है, और रोजगार के मौकों में मामूली बढ़ोतरी भी हुई है।
व्यापार घाटा 11.23 अरब डॉलर
वहीं देश का निर्यात जुलाई में 47.19% बढ़कर 35.17 अरब डॉलर पर पहुंच गया। तो पैट्रोलियम, इंजीनियरिंग, रत्न और आभूषण क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन की वजह से कुल निर्यात में बढ़ोतरी है। कॉमर्स मिनिस्ट्री के अस्थाई आंकड़ों के अनुसार जुलाई में आयात भी 59.8% की तेजी के साथ 46.40 अरब डॉलर रहा। इस तरह व्यापार घाटा 11.23 अरब डॉलर रहा।