रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने फ्यूल डीलर्स को डीजल सप्लाई में 50% कटौती के लिए कहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी को इसकी बिक्री पर 10-12 रुपए प्रति लीटर का घाटा हो रहा है।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने डीजल की सप्लाई को आधा करने का निर्णय एक बैठक में लिया। जियो-बीपी के एक डीलर ने बताया कि एरिया मैनेजर ने सूचित किया था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज़ दिसंबर 2021 में मेरे द्वारा बेचे गए डीजल वोल्यूम में से केवल आधे की सप्लाई करेगी। वे दिसंबर को बेंचमार्क मानकर चल रहे हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ जियो-बीपी ब्रांड नाम के तहत फ्यूल ऑयल आउटलेट चलाती है। यह बीपी – रिलायंस बीपी मोबिलिटी लिमिटेड के साथ जॉइन्ट वेंचर का हिस्सा है। ऑयल जॉइन्ट वेंचर की स्थापना 2020 में की गई थी। उस समय बीपी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज़ को वेंचर में अपनी 49% हिस्सेदारी के लिए 7,000 करोड़ रुपए का पेमेंट किया था।
हालांकि जिओ-बीपी के साथ कई डीलरशिप के मालिक ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ऐसा कर रही है। जब 2006, 2009, 2012 और 2014 में भी इसी तरह की सप्लाई संकट था, तब भी ऐसा किया जा चुका है। हालांकि इंडस्ट्री के अधिकारियों ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज़ से यूरोपीय देशों को डीजल के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को पेट्रोल और डीजल दोनों की बिक्री पर औसतन 25 रुपए प्रति लीटर तक का घाटा हो रहा है। भारतीय ईंधन रिटेल विक्रेताओं ने 4 नवंबर से अब तक इसकी कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की है। उस समय कच्चे तेल की कीमतें 83 डॉलर प्रति बैरल थीं, जो अब 100 डॉलर के पार हैं। हालांकि 7 मार्च को यह 125 डॉलर तक चला गया था।