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कपड़े और जूते का शौक रखने वालें लोगों को ये ख़बर दे सकती है झटका, जानें जीएसटी काउंसिल का फैसला

Cloths कपड़े और जूते का शौक रखने वालें लोगों को ये ख़बर दे सकती है झटका, जानें जीएसटी काउंसिल का फैसला

कपड़े और जूते का शौक रखने वालें लोगों को  ये ख़बर दे सकती है झटका, जी हां अगले साल की शुरुआत में कपड़े और जूते की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। आपको बता दें कि जीएसटी काउंसिलने कपड़े और जूते  व्यापार के इनवर्टेड शुल्क में बदलाव करने की मांग को स्वीकार कर लिया है।

बता दें कि  जीएसटी काउंसिल ने एक जनवरी, 2022 से नये नियम लागू करने की बात कही है,  जिसके चलते कपड़े और जूते महंगे हो जाएंगे।

कपड़े- जूते का बिजनेस करने वाले  लोग लंबे समय से  कर रहे हैं मांग 

पिछले महीने जीएसटी काउंसिल की एक  मीटिंग रखी गयी, जिसमें  कपड़े और जूते के व्यापार पर लगने वाला इनवर्टेड शुल्क में बदलाव करने का फैसला किया गया, बता दें कि इस मांग को कोई और नहीं बल्कि कपड़े और जूते का बिजनेस करने वाले  लोग ही  लंबे समय से  कर रहे हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक उनका कहना था कि जूता बनाने के कच्चे माल पर 12 फीसदी जीएसटी है, वहीं तैयार माल पर सिर्फ 5%  जीएसटी है।

 1 जनवरी से बढ़ जाएंगी कीमतें

आपको बता दें कि अभी कपड़े और जूते उत्पादों पर 5% GST लगाई जाती है, वहीं ज्यादा महंगे जूतों पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया जाता है, सरकार के इस फैसले से के बाद अब जनवरी से कपड़े की कीमतें बढ़ाई जा सकती हैं, जिससे कपड़े, जूते मंहगे हो सकते हैं।  और आपको अपनी जेब ढ़ीली करनी पड़ सकती है।

इस वजह से कपड़े होंगे मंहगे

बता दें कि अभी एमएमएफ फैब्रिक सेगमेंट में इनपुट पर 18 फीसदी और 12 फीसदी की जीएसटी दर लगती है, वहीं एमएमएफ फैब्रिक पर जीएसटी दर 5 फीसदी है। और तैयार  कपड़े के लिए 5 फीसदी और 12 फीसदी है। तो इस हिसाब से इनपुट पर जीएसटी आउटपुट से ज्यादा है।

गारमेंट पर भी टैक्स बढ़ा

और यही वजह है कि लंबे समय से यार्न और फैब्रिक्स बनाने वाले कपड़े और जूते पर इनवर्टेड शुल्क  में बदलाव की बात कर रहे हैं। और इसलिए  सरकार ने मैनमैड यार्न-फैब्रिक्स पर जीएसटी घटाकर 5% करने की जगह गारमेंट पर भी टैक्स बढ़ा दिया है। और ऐसा करने से कपड़े और जूते हो सकते हैं और भी महंगे।

 

 

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