सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों की सरकारी बैंकों का निजीकरण करने के खिलाफ हड़ताल से वीरवार को देश के कई क्षेत्रों में सामान्य बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो रही है।
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यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियन के नेतृत्व में ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन, ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन और नेशनल ऑर्गेनाईजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स समेत नौ अन्य बैंक यूनियनों ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया था।
इस हड़ताल के कारण देश भर की बैंक शाखाओं में जमा और निकासी, चेक निकासी और ऋण मंजूरी जैसी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। इस दौरान एटीएम के हालांकि हमेशा की तरह काम करने की उम्मीद है।
सरकार के इस फैसले का विरोध
आपको बता दें कि सरकार ने बैंकिंग अधिनियम विधेयक, 2021 को संसद के मौजूदा सत्र में पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है। बैंककर्मियों का साफ कहना है कि शीतकालीन सत्र पब्लिक सेक्टर के बैंकों का प्राइवेटाइजेशन करने के सरकार के फैसले का विरोध करेंगे।
बता दें, बैंक कर्मचारी लंबे समय से इसका विरोध कर रहे हैं। हालांकि, सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक फैसला न पाने की वजह से अब दो दिन फिर से कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं।
सार्वजानिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को सूचित किया था कि हड़ताल के कारण उनकी शाखाओं में सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
एसबीआई की मांग
बताया जा रहा है कि यह प्रोटेस्ट दो सरकारी बैंकों के प्रस्तावित प्राइवेटाइजेशन को लेकर किया जा रहा है। ऐसे में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ-साथ देश के तमाम बैंक दो दिन के लिए बंद हैं। हालांकि, जानकारी के मुताबिक, एसबीआई मैनेजमेंट लगातार अपने कर्मचारियों से काम करने की अपील कर रहा है। बैंकों ने अपने कस्टमर्स को सूचित कर दिया है कि आज और कल हड़ताल के चलते बैंक के काम प्रभावित होंगे।
निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा जैसे अगली पीढ़ी के बैंक हमेशा की तरह सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।