पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का दौर जारी है। जिसके आगे भी कम होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। इसकी वजह है कि ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्री देशों में तेल उत्पादन को बढ़ाने पर सहमति नहीं बन पाई है।
कच्चे तेल की कीमत 75-76 डॉलर प्रति बैरल
बता दें कि इस वजह से ओपेक देशों की बैठक रद्द करनी पड़ी थी। बैठक बेनतीजा होने की खबर के बाद से अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत 75 से 76 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुंच गई है। और जो हालात बन रहे हैं, उसमें कच्चे तेल की कीमत बहुत जल्द 80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचने की आशंका है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे में भारत में पेट्रोल और डीजल की रिटेल कीमतें ऊंचाई के नए रिकॉर्ड बना सकती हैं।
‘कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी रहेगी’
ONGC के पूर्व चेयरमैन का कहना है कि अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी रहेगी। आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ेगी, भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ेंगी तो उससे अन्य कई तरह के प्रोडक्ट के दामों में तेजी आना तय है।
जो हालात हैं उसमें केंद्र एक्साइज ड्यूटी में कटौती करेगा, ऐसा लग नहीं रहा। तो आम आदमी को ईंधन की बढ़ती कीमतों और महंगाई के लिए तैयार रहना चाहिए।
सऊदी अरब और यूएई में तकरार जारी
तेल उत्पादन बढ़ाने को लेकर सऊदी अरब और यूएई में तकरार पिछली बैठक में भी जारी रही। सऊदी अरब में ओपेक को तेल उत्पादन में हर दिन 20 लाख बैरल बढ़ाने को मंजूरी एक शर्त के साथ देने की बात कही थी। उसने शर्त लगाई कि ये बढ़ोतरी सिर्फ अगस्त से दिसंबर के बीच में की जाएगी।
2022 में तेल उत्पादन पर नियंत्रण
यानी अगले साल 2022 में तेल उत्पादन पर नियंत्रण जारी रहेगा। लेकिन UAE को इस पर ऐतराज है। UAE ये कहते हुए पीछे हट गया था कि अप्रैल 2022 की शुरुआती समय से उत्पादन में कटौती उसके लिए अनुचित है।
तेल उत्पादन बढ़ाना जरूरी- UAE
UAE का कहना है कि अब डिमांड बढ़ रही है ऐसे में तेल उत्पादन बढ़ाना जरूरी है। मगर सऊदी अरब इसके लिए राजी नहीं है तकरार के चलते पिछली बैठक रद्द करनी पड़ी थी।