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कच्चे तेल के दाम 14% तक गिरे, क्या अब कम होगी पेट्रोल-डीजल में लगी आग ?

घटे पेट्रोल के दाम

कोरोना काल की दूसरी लहर थमने के बाद से आम आदमी तेल की कीमतों से परेशान है। हालांकि अब उम्मीद जताई जा रही है कि पेट्रोल और डीजल के रिटेल दामों की तेजी पर ब्रेक लग सकता है। इसका कारण है कि कच्चे तेल के दामों में गिरावट के आसार नजर आने लगे है।

कुछ दिनों से क्रूड के दाम में गिरावट जारी

करीब 3 साल की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद पिछले कुछ दिनों से क्रूड के दाम लगातार गिर रहे हैं। खबरों के अनुसार तीसरी लहर की चिंता से कच्चे तेल की डिमांड में कमी आनी शुरू हो गई है। ऐसे में इसकी कीमत में भी गिरावट दिखाई दे रही है।

कच्चे तेल के दाम करीब 14 फ़ीसदी टूटे

जुलाई में ऊपरी स्तर से कच्चे तेल के दाम करीब 14 फ़ीसदी टूट चुके हैं। फिलहाल WTI क्रूड के दाम 66.2 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड के दाम 68.50 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं। एक समय इन दोनों के दाम 75 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए थे। वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि ओपेक देशों पर उत्पादन बढ़ाने का दबाव बढ़ रहा है। पूरे विश्व में डेल्टा वेरिएंट के बढ़ते मामलों से डिमांड को लेकर चिंता बनी हुई है।

क्रूड के दामों में गिरावट आने के आसार

ग्लोबल इक्विटी मार्केट में गिरावट का असर कच्चे तेल पर पड़ा है। आठ साल में पहली बार क्रूड को लेकर चीन का इंपोर्ट घटा है। इन सब बातों से साफ लग रहा है कि क्रूड के दामों में गिरावट का दौर शुरू होने वाला है। सरकार ल कंपनियों का कहना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल के दाम कम हुए तो उसका फायदा आम आदमी को होगा।

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