आज मोदी सरकार ने बैंक ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है। जी हां बैंकों के डूबने की स्थिति में निवेशकों को पैसा डूबने का खतरा रहता है। सहकारी बैंकों के ग्राहक आज भी अपने पैसों के लिए परेशान हैं। लेकिन भविष्य में ऐसी स्थिति में बैंक डिपॉजिटर्स को कोई परेशानी नहीं होगी। जानिए कैसे…
DICGC संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी
दरअसल मोदी कैबिनेट ने बैंक बंद होने की स्थिति में खाताधारकों को 90 दिन के अंदर 5 लाख रुपये तक की अपनी राशि हासिल करने की सुरक्षा देने को लेकर DICGC कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। जिसकी जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैबिनेट की बैठक के बाद दी।
3 महीने के अंदर मिलेगा पैसा
बैंक डूब जाने पर भी उन्हें 3 महीने के अंदर उनका पैसा वापस मिल जाएगा। संसद के मौजूदा सत्र में ही इस बिल को सदन में रखा जाएगा। और इस बिल के पास होते ही कानून में हुए बदलाव को मान्यता मिल जाएगी और बैंक ग्राहकों को भविष्य में टेंशन लेने की जरूरत नहीं होगी।
क्या है DICGC ?
DICGC असल में RBI का सब्सिडियरी है, और ये बैंक जमा पर बीमा कवर उपलब्ध कराता है। अभी तक नियम ये था कि जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये का बीमा होने पर भी तबतक पैसा नहीं मिलेगा जबतक रिजर्व बैंक कई तरह की प्रक्रियाएं नहीं पूरी करता। इसकी वजह से लंबे समय उन्हें एक पैसा नहीं मिलता। लेकिन एक्ट में बदलाव से ग्राहकों को राहत मिलेगी।