लखनऊ: उत्तर प्रदेश में यातायात की सुविधा को और बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार की तरफ से एक पहल की जा रही है। लखनऊ सहित कुल 17 बस स्टेशन को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की तैयारी है। यह पूरा विकास से जुड़ा काम पीपीपी मॉडल पर होगा।
बस स्टेशन निर्माण से जुड़ा टेंडर भी जारी कर दिया गया है। इसमें यह कोशिश होगी कि ज्यादा से प्राइवेट कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित किया जाए। बीते सोमवार को परिवहन विभाग ने तीसरी बार टेंडर जारी किया। इस बार शर्तों में थोड़ी राहत दी गई है और बदलाव के साथ पेश किया गया है। इस प्रक्रिया में शामिल होने की अंतिम तिथि 20 सिंतबर निर्धारित की गई है। दरअसल विधानसभा चुनाव भी नजदीक हैं, ऐसे में समय रहते काम को अंजाम देना सरकार की मंशा है।
नई शर्तों पर नजर डालें तो जहां पहले लीज पर 30 साल के लिए देने का प्रावधान था, अब इसे 60 साल कर दिया गया है। बस स्टेशन को बनाने तके लिए 2 साल का समय दिया जाएगा। बस अड्डे पर शॉपिंग मॉल बनाने के लिए अब समय सीमा बढ़ाकर 7 साल कर दी गई है। परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश के कुल 17 बस स्टेशन का कायाकल्प किया जाना है। जिसमें राजधानी लखनऊ का चारबाग बस स्टेशन भी शामिल है। इसके अलावा गोमती नगर में विभूति खंड, अमौसी, कौशांबी, वाराणसी कैंट, कानपुर का झकरकटी बस स्टेशन, मेरठ सोहराब गेट, आगरा ईदगाह, आगरा फोर्ट, अलीगढ़, रूहेलखंड, आगरा ट्रांसपोर्ट नगर, प्रयागराज सिविल लाइन और जीरो रोड, साहिबाबाद बस स्टेशन, गोरखपुर, मथुरा और गाजियाबाद के बस स्टेशन शामिल हैं।