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48 कोस के 16 तीर्थ स्थलों की यात्रा के लिए बस का ऑटो रिक्शा चालकों ने किया विरोध प्रदर्शन

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हरियाणा के कुरुक्षेत्र के ऑटो रिक्शा चालकों ने कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से दो दिन पहले ही शुरू हुई 48 कोस के 16 तीर्थ स्थलों की यात्रा के लिए बस का जोरदार विरोध किया। ऑटो रिक्शा चालकों ने कहा कि वह बर्तन गिरवी रखकर अपनी रोजी रोटी चला रहे हैं। बस चलने से उनका काम धंधा ठप हो गया है। कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर ऑटो रिक्शा चालक बस नहीं चलने देना चाहते।
बता दें कि कोरोना महामारी का समाज के हर वर्ग पर प्रभाव पड़ा है। अब जब जीवन सामान्य होने लगा है तो नई नई परेशानियां खड़ी होने लगी हैं। ऐसी ही स्थिति कुरुक्षेत्र के ऑटो रिक्शा चालकों के साथ होने लगी हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले करीब दो सालों से कोरोना के प्रभाव के कारण धर्मनगरी, तीर्थों की संगम स्थली एवं गीता की जन्म स्थली कुरुक्षेत्र में देश विदेश से यात्रियों का आना कम हुआ था। अब जब कोरोना का प्रभाव कम हुआ है तो यात्रियों का आना शुरू हुआ है।

यात्रियों के आने से तीर्थ स्थलों के निकट दुकानदारों, होटलों, धर्मशालाओं एवं ऑटो रिक्शा चालकों को भी रोजगार मिलने लगा है। ब्रह्मसरोवर पर ऑटो रिक्शा चालकों के नेता गुरचरण सिंह ने कहा कि पिछले दो सालों में यात्रियों के न आने से उनका काम धंधा ठप हो गया था। स्थिति यह हो गई कि ऑटो रिक्शा चालकों को अपने बच्चों की रोटी तक के लिए बर्तन तक गिरवी रखने पड़े। अभी भी उनके बर्तन गिरवी पड़े हैं।

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अब जब यात्रियों के आने से कुछ आमदन की उम्मीद बंधी है तो सरकार ने ब्रह्मसरोवर पर कुरुक्षेत्र के 48 कोस के 16 तीर्थ स्थलों की यात्रा के बस खड़ी कर दी है। अब दो दिन से उन्हें यात्री ही नहीं मिल रहे तो वे अब अपने बच्चों का भरण पोषण कैसे करें। ब्रह्मसरोवर पर ऑटो रिक्शा चालकों ने रोष प्रदर्शन करते हुए प्रशासन से मांग की है कि ब्रह्मसरोवर पर यह बस नहीं लगनी चाहिए।

जबकि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि कोरोना काल के बाद अब कुरुक्षेत्र 48 कोस के 16 तीर्थो के लिए 48 कोस तीर्थ परिक्रमा बस सेवा को शुरू कर दिया गया है। इस बस का शुभारंभ कुछ साल पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया था। दो दिन पहले केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने तीर्थ बस सेवा को हरी झंडी देकर रवाना किया था। अब देखना होगा कि प्रशासन ऑटो रिक्शा चालकों की रोजी रोटी को बचाने एवं यात्रियों के तीर्थाटन की सुविधा को देखते हुए क्या निर्णय लेता है।

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