लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष इं. हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी की सरकार महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी योजनाओं लेकर आगे बढ़ रही है लेकिन वह पूरी तरह से नौकरशाहों से मुक्त नहीं है। नौकरशाह लगातार सरकार की किरकिरी कराने में जुटे हैं।
उन्होंने कहा कि अभी हाल में स्वास्थ विभाग सहित अधिकाधिक विभागों में नियमों को दरकिनार तबादलों को लेकर मची हलचल समाप्त नहीं हो पाई थी कि उसके बाद नौकरशाहों की एसी कमरों में तैयार जेम पोर्टल योजना से सरकार की किरकिरी हो रही है। जिस जेम पोर्टल का स्थापना प्रतिस्पर्धा के साथ गुणवत्तायुक्त सामग्री खरीद के लिए की गई थी उस पोर्टल से अब कर्मचारी खरीदे जाएंगे।
यानि धनपशु ठेकेदारों की कमाई का एक और जरिया नौकरशाहों द्वारा तैयार किया गया है। इतना सब करने के बाद भी नौकरशाह शान्त नहीं बैठे। उन्होंने पिछली कैबिनेट में सरकार से ऐसा निर्णय करा दिया जो श्रम अधिनियम की धज्जियां तो उड़ा ही रहा है साथ ही शिक्षा और तकनीकी योग्यता की मुंह पर तमाचा है।
हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि कैबिनेट में फैसला लिया गया कि प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में सहायक एकाउण्टेन्ट-कम-डाटा इण्ट्री ऑपरेटर रखे जाएंगे और इनको मासिक मानदेय छह हजार रूपये यानि प्रतिदिन दो सौ रूपये दिये जाएंगे। यानि न्यूनतम मजदूरी का सरकार से ही मजाक उड़ावाया गया है।
इं. हरिाकिशोर तिवारी ने आरोप लगाया है कि जेम पोर्टल पर वर्तमान समय में जो कम्पनी काम कर रही है उनकी जांच कराई जाए तो पता चलेगा कि कई कम्पानियों के प्रदेश के आला अफसरों से किसी न किसी तरह के सम्बंध सामने आएंगे।
इं. हरिकिशोर तिवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ योगी का ध्यानकर्षण कराते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से ग्रामीण अंचल में विकास करने और रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तथा देश के गरीब तबके तक राहत पहुंचाने की मंशा के तहत मनरेगा योजना दशकों से चलाई जा रही है। इसके सुपर विजन और क्रियान्वयन के लिए यथा स्तर के कर्मचारी इंजीनियर, अधिकारी सभी मानदेय पर लगाए जाते रहे हैं।
अब कुछ शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कुछ अपने लोगों को फायदा देने के लिए से इसे पोर्टल पर ठेकेदारों को उपलब्ध कराए जाने का फरमान जारी किया है। जबकि जेम पोर्टल का डेवलपमेंट सिर्फ इसलिए किया गया था की अच्छे गुणवत्ता के सामानों को सामान्य रूप से अच्छी गुणवत्ता के साथ खरीदा जा सके परंतु ऐसा हुआ नहीं।
ज्ञात हो कि सीनियर आईएएस नवनीत सहगल ने तमाम सारे ऐसे बड़े-बड़े घोटालों को पकड़ा और उन्हें निरस्त किया। लेकिन इसके बाद पता नहीं किसके दबाव में कोई कार्यवाही नहीं की गई और घुमा फिरा कर उन्हीं लोगों को काम दे दिए गए।
उन्होंने कहा कि कितने दुर्भाग्य की बात है कि आज कर्मचारियों, अधिकारियों को सामग्री की तरह मानते हुए जेम पोर्टल से खरीदते हुए सप्लाई करने का प्रयास किया जा रहा है। जो कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश के अधिकारियों की दूषित मानसिकता का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार 58,189 ग्राम पंचायतों में सहायक एकाउण्टेट कम डाटा इण्ट्री ऑपरेटर की तैनाती को रोजगार देने के आकड़े बढ़ाने की नजर से देख रही है तो उसे समझना होगा कि इससे उसकी तरीफ कम बदनामी ज्यादा हो रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के कतिपय इस तरह के निर्णय कराकर सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं और सरकार को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद मनरेगा कर्मचारी महासंघ तथा अन्य सभी संगठनो के उन आन्दोलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेगा जिसमें उनके साथ अन्याय किया जाएगा।