नई दिल्ली। हरियाणा सरकार भी केंद्र की तर्ज पर ही फरवरी 2017 में राजस्व एवं पूंजी वर्गीकरण के आधार पर अपना बजट प्रस्तुत करने की तैयारी में है। इससे नया वित्त वर्ष शुरू होने तक व्यय प्राधिकरण की सुविधा हो जाएगी। राज्य के वित्तमंत्री ने केंद्र से ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए आवंटन को बढ़ाने का आग्रह किया क्योंकि राज्य सरकार इस क्षेत्र पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित कर रही है।
हरियाणा के वित्त कैप्टन अभिमन्यु ने यहां केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा आयोजित पूर्व बजट परामर्श में बोलते हुए यह जानकारी दी। कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2017-18 से योजनागत एवं गैर-योजनागत बजट के कृत्रिम अंतर हटाने, राजस्व एवं पूंजी शीर्ष में व्यय वर्गीकरण शुरू करने और एक फरवरी, 2017 को केन्द्रीय बजट प्रस्तुत करने के केन्द्र सरकार के निर्णय का स्वागत करती है।
प्रदेश में घाटे में चल रही सभी सहकारी चीनी मिलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चीनी उद्योग को वर्तमान में हो रहे इस घाटे को सह उत्पादों, जैसे कि इथनोल और सह उत्पादन संयंत्र स्थापित करने पर विशेष बल देकर काफी हद तक कम किया जा सकता है। अत: उन्होंने केन्द्र सरकार से इथनोल तथा सह उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए ब्याज मुक्त ऋण या सरल ऋणों के रूप में वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने का आग्रह किया ताकि चीनी मिलें अपनी वित्तीय स्थिति को सुधार सकें।