नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार का आखिरी बजट पेश करते हुए गरीबों और किसानों के लिए सौगातों की झड़ी लगा दी। उन्होंने गरीबों को डायलीसिस की मुफ्त सुविधा देने और देश में लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराए जाने का ऐलान किया। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने स्टेंट की कीमत कम कर दी है। उन्होंने कहा कि अब दो से तीन दिन में पासपोर्ट घर में आ जाता है। जेटली ने कहा कि सरकार बिचौलियों पर लगाम लगाएगी ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके। जेटली ने साल 2020 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को भी संसद के पटल पर रखा।
किसानों को सौगात देते हुए वित्त मंत्री ने किसानों के द्वारा उगाई गई फसल पर आई लागत का 50 फीसदी हिस्सा दिए जाने का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले साल 2.57 टन फसल का उत्पादन हुआ था और खरीफ का लागत उत्पादन मुल्य लागत से ज्यादा है। उन्होंने ऐलान किया कि सरकार की सभी सेवाएं ऑनलाइन की जाएगी। किसानों की सुविधा को देखते हुए नए ग्रामीण ई-नैम बनाने का ऐलान किया और जिलेवर के कृषि मॉडल को विकसित किया जाएगा। जेटली ने किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मुल्य देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार आलू-टमाटर और प्याज के लिए ऑपरेशन ग्रीन की स्थापना की जाएगी और आलू-प्याज की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने 42 मेगा फूड पार्क बनाए जाने के ऐलान के साथ-साथ किसान क्रेडिट कार्ड पशुपालकों को भी दिए जाने का ऐलान और नाबाड के तहत सिंचाई कोष की स्थापना करने का भी ऐलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों के लिए 1290 करोड़ रुपये का बांस मिशन चलाया जाएगा और बांस क्षेत्र को बन क्षेत्र से अलग किया जाएगा। मछली और पशुपालन के लिए दो नए फंड दिए जाएंगे। दो नए फंड में 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। जेटली ने कृषि के लिए 1400 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया और खेती के लिए कर्ज को बढ़ाकर 11 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है।