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Budget 2022: मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस, निजीकरण से कर्मचारी कल्याण संभव नहीं – सुनील यादव

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शिवनंदन सिंह संवाददाता लखनऊ Budget 2022: मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस, निजीकरण से कर्मचारी कल्याण संभव नहीं - सुनील यादवशिवनंदन सिंह, संवाददाता, लखनऊ

उत्तर प्रदेश | बजट (Budget 2022) के प्राथमिक अध्ययन के बाद ऐसा लगता है कि यह बजट कर्मचारियों के लिए निराशाजनक है। कर्मचारियों की मांग थी कि पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए जिस पर वित्त मंत्री ने कुछ नहीं कहा, आयकर स्लैब में कोई बदलाव नही हुआ, कर्मचारियों की मांग थी कि 10 लाख तक आय को करमुक्त किया जाए लेकिन निराश ही हाथ लगी. वहीं निजीकरण, आउटसोर्सिंग की जगह स्थाई रोजगार सृजन करने की आस देख रहे कर्मचारियों को निराशा हुई क्योंकि सरकार सरकारी क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाने का फैसला लिया । 

 ऐसा प्रतीत होता है कि अब सरकार कर्मचारियों को दोयम दर्जे का नागरिक मानती है इसलिए बजट में कर्मचारियों हेतु कोई घोषणा नहीं है । कोविड काल मे सरकारी कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किये बगैर देश के लिए कार्य किया था लेकिन कर्मचारी हित में इनकम टैक्स के स्लैब में कोई छूट ना मिलने से कर्मचारियों की आस टूटी है ।

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