नई दिल्ली। 1 फरवरी से बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे, जिसके बाद बजट सत्र की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। बजट सत्र को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला सत्र 31 जनवरी से 9 फरवरी तक चलेगा। दूसरा हिस्सा मार्च के प्रथम सप्ताह में शुरू होगा। खास बात यह है कि इस बार का बजट सत्र पहले से अलग होगा। पहले बजट सत्र फरवरी के आखिरी हफ्ते में बुलाया जाता था। सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के भाषण के साथ ही संसद की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी जाती थी। फिर कुछ अंतराल के बाद बजट पेश किया जाता था।
इस बार पहले ही दिन आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने की तैयारी है कि जा रही है जबकि अगले ही दिन आम बजट पेश होगा। इस बार का रेल बजट इसलिए भी खास है क्योंकि आम बजट और रेल बजट एक साथ पेश होने वाले हैं।
बजट सत्र में भी उठेगा नोटबंदी का मुद्दा
बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार की ओर से बुलाई गई बैठक में विपक्ष ने साफ कर दिया कि वह नोटबंदी के मुद्दे को नए सिरे से उठाएगा। यहां तक कि नोटबंदी का सबसे तीखा विरोध करने वाली तृणमूल कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार कर दिया और सदन के शुरुआती दो दिन की कार्यवाही में भाग नहीं लेने का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही विपक्ष ने बजट सत्र को एक महीना पहले बुलाने के फैसले पर भी सवाल उठाया। सरकार की ओर से खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष को भरोसा दिलाया कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। संसद को सुचारू रूप से चलना चाहिए।
बजट से जनता की उम्मीदें
आवास कर पर दिये गये ब्याज पर कटौती की सीमा ढाई लाख रुपये तक
चिकित्सा के लिए ज्यादा छूट
स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहन
बैंकों में एफडीआइ की सीमा को बढ़ा कर 49 फीसदी
माइक्रो एटीएम बढ़ेंगे