लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। पिछले 25 सालों का रिकॉर्ड उठाकर देखा जाए तो दो ही पार्टियों ने अब तक राज्य की सत्ता पर हुकूमत की है बसपा के चुनावी वादे फेल हुए तो लोगों ने सपा को गद्दी पर बैठा दिया और अगर सपा ने दावे फेल हुए तो बसपा का विकल्प लोगों के सामने आया। इस बीच कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां सत्ता में आने की अथक कोशिशें करती रही, हालांकि कामयाब नहीं हुए।
एक बार फिर बसपा ने राज्य की सत्ता में काबिज होने के लिए धड़-पकड़ शुरू कर दी है। बसपा प्रमुख मायावती ने मिशन 2017 को ध्यान में रखते हुए सोशल इंजीनियरिंग का नया फार्मूला तैयार किया है। दलित और ब्राह्मणों के बीच गठजोड़ कर पूरे विश्व को सोशल इंजीनियरिंग का पाठ पढ़ा चुकीं मायावती ने इस बार दलितों और मुस्लिमों को एकजुट कर सत्ता फतह करने की कोशिश में है।
दलितों पर नजर, क्या होगा असर
बसपा सुप्रीमो मायावती को लगता है कि प्रदेश के 21 फीसदी दलितों को 19 फीसदी को मुस्लिम समुदाय के साथ लाकर खड़ा कर दिया जाता है तो वो किला फतेह कर लेगी। जिसके बाद मायावती ने मोदी को निशाना बनाना शुरू कर दिया और लगातार उनका प्रहार और भी तीखा होता जा रहा है। मायावती को लगता है कि यदि वो प्रधानमंत्री पर हमला बोलेगी तो प्रदेश के मुसलमान उन्हें चाहने लगेंगे। इसके साथ मुसलमानों का साथ छुटने से सपा बिखर जाएगी। वैसे भी चाचा-भतीजे की लड़ाई में सपा में पहले की दरार आ चुकी है।
दूसरी अहम बात उन्होंने यह कही है कि कैसे मुलायम सिंह यादव बीजेपी से मिले हुए हैं। किताब में मायावती ने लिखवाया है कि सपा के साथ रहकर मुसलमानों का कभी भला नहीं होगा। इस किताब को धड़ल्ले से पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा बस्तियों और गली-कूचों में बांटा जा रहा है ताकि मुसलमनों को बसपा हितैषी पार्टी लगे।
किताब के जरिए दिया संदेश
‘मुस्लिमों का सच्चा हितैषी कौन? फैसला आप पर’ नाम की इस पुस्तक में मायावती ने कई महत्वपूर्ण संदेश दिए हैं। इस किताब में मायावती ने तीन अहम बातें की हैं। किताब के पहले ही पन्ने पर मायावती ने कहा है कि समय-समय पर बीजेपी की सरकार को गिराने का काम उनकी पार्टी ने ही किया है। साफ़ है उनका इशारा 1999 में एक वोट से अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को लेकर है।
अखिलेश पर लगाए गंभीर आरोप
मायावती ने सूबे की सपा सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर राज्य में 400 से ज्यादा दंगे करने का आरोप लगाया है। मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि राहत शिविरों पर कुछ ही दिनों में बुल्डोजर चलवा दिए गए जो कि सपा के मुस्लिम प्रेम का साक्षी है। सपा ने हमेशा मुस्लिम लोगों को दबाने और यादवों को बढ़ाने का काम किया है।
इन लोगों के हाथों में मुस्लिम वोटरों की कमान
बसपा ने मुस्लिम वोटरों को रिझाने का पूरा प्लान भी तैयार करवा लिया है। पार्टी ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी के हाथों में सौंपी है और वर्तमान में जो प्रदेश के हालात है उसे देखकर तो यही लगता है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी वोटरों को रिझाने में कामयाब रहेंगे।
(आशु दास)