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राजस्थान की बिगड़ी राजनीति में नया मोड़, बसपा ने उठाया गहलोत की परेशानी बढ़ाने वाला कदम

cm gahlot राजस्थान की बिगड़ी राजनीति में नया मोड़, बसपा ने उठाया गहलोत की परेशानी बढ़ाने वाला कदम

राजस्थान सियासी घमासान बढ़ता ही जा रहा है। अब राजस्थान की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। अब बसपा ने गहलोत सरकार को झटका देने के लिए कदम उठाया है।

नई दिल्ली: राजस्थान सियासी घमासान बढ़ता ही जा रहा है। अब राजस्थान की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। अब बसपा ने गहलोत सरकार को झटका देने के लिए कदम उठाया है। बसपा ने काग्रेंस के खिलाफ मतदान करने का व्हीप जारी किया है। ये विधायक पिछले साल कांग्रेस में शामिल हुए थे। लेकिन अब उन्होंने पार्टी  छोड़ दी है। ये विधायक अब पार्टी छोड़ने वाले छह विधायकों को विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ वोट देने का व्हीप जारी किया है। इसका खुलासा बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने अपने बयान में किया।

बता दें कि सतीश चंद्र मिश्र का कहना है कि सभी 6 विधायकों को अलग-अलग नेटिस भेजकर जानकारी दी गई है। क्योंकि बसपा एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी है। दसवीं अनुसूची के पैरा चार के तहत पूरे देश में हर जगह समूची पार्टी (बसपा) का विलय हुए बगैर राज्य स्तर पर विलय नहीं हो सकता है…” मिश्रा का कहना है कि अगर ये 6 विधायक पार्टी द्वारा जारी व्हीप के खिलाफ जाकर वोट देते हैं तो इनको सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाएंगे।

वहीं नोटिस में आगे कहा गया है कि वे बसपा के व्हिप का पालन करने के लिए आबद्ध हैं और ऐसा नहीं करने पर वे विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य हो जाने के पात्र होंगे। मिश्रा ने कहा कि बसपा राजस्थान उच्च न्यायालय में अयोग्यता की लंबित याचिका में हस्तक्षेप करेगी या अलग से रिट याचिका दायर करेगी।

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उल्लेखनीय है कि 2018 के चुनाव में संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुधा बसपा के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। उन्होंने पिछले साल 16 सितंबर को कांग्रेस में एक समूह के रूप में विलय के लिए अर्जी दी थी। विधानसभा स्पीकर ने अर्जी के दो दिन बाद आदेश जारी कर घोषित किया कि इन छह विधायकों से कांग्रेस के अभिन्न सदस्य की तरह व्यवहार किया जाए।

वहीं इस विलय से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को मजबूती मिली और 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़कर 107 हो गई। इससे पहले भाजपा विधायक ने शुक्रवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को रद्द करने का अनुरोध किया था।

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