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मायावती का हलफनामा मूर्तियों के पैसे नहीं दूंगी, जनता की भावनात्मक स्थिति और लोगों की इच्छाएं इससे जुड़ी है

mayawati मायावती का हलफनामा मूर्तियों के पैसे नहीं दूंगी, जनता की भावनात्मक स्थिति और लोगों की इच्छाएं इससे जुड़ी है

नई दिल्ली। जनता के पैसों को बर्बाद करने संबंधी टिप्पणी करने के बाद कोर्ट द्वारा मूर्तियों में लगाए गए समस्त पैसों को जमा करने संबंधी आदेश के बाद बहुजन समाज पार्टी में खलबली मच गई इसके बाद बसपा सुप्रीमो ने कोर्ट को जवाब देने का मन बना लिया था इसी क्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में अपनी प्रतिमाओं और हाथी की मूर्तियों की स्थापना में खर्च को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष हलफनामा दायर किया। उन्होंने हलफनामे में कहा है कि यह लोगों की इच्छाएं थीं। इसके अलावा मायावती ने हलफनामे दायर कर पैसा भी देने से इंकार किया है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में कहा था कि उसके संभावित विचार में लखनऊ और नोएडा में अपनी तथा बसपा के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां बनवाने पर खर्च किया गया सारा सरकारी धन मायावती को लौटाना होगा। कोर्ट एक वकील की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया था कि सार्वजनिक धन का प्रयोग अपनी मूर्तियां बनवाने और राजनीतिक दल का प्रचार करने के लिए नहीं किया जा सकता।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा था कि हमारे संभावित विचार में मायावती को अपनी और चुनाव चिह्न की मूर्तियां बनवाने पर खर्च हुआ सार्वजनिक धन सरकारी खजाने में वापस जमा करना होगा।

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