जयपुर। देश में सुरक्षा के लिहाज से सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली विधानसभा भी अब सुरक्षित नहीं रही है। जी हां राजस्थान की विधानसभा में सरेआम बीएसपी के विधायक बंदूक लेकर घुस गए और किसी ने उन्हें नहीं रोका। आम लोगों के पांच बार चैकिंग की सुविधा और नेता बिना किसी चैकिंग के अंदर जा रहे हैं वो भी बंदूक लेकर क्या बात है? दरअसल बसपा विधायक मनोज न्यांगली ने कड़ी सुरक्षा में सेंध लगाते हुए न केवल पिस्टल लेकर विधानसभा पहुंच गए, बल्कि दो घंटे तक सदन में मौजूद रहे। बता दें कि प्रदेश में ये पहला मामला है जब कोई विधायक सदन में हथियार लेकर पहुंच गया। हालांकि नियम अनुसार सदन के अंदर कोई मोबाइल तक नहीं ले जा सकता।
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद बसपा विधायक ने माफी मांगते हुए कहा कि उनसे गलती हो गई। विधानसभा की कार्रवाई में हिस्सा लेने के बाद न्यांगली सदन के पश्चिमी दरवाजे से बाहर निकल रहे थे, जहां मीडिया ने उन्हें घेर लिया और पिस्टल के मुद्दे पर सवाल दागने शुरू कर दिए। इस दौरान उनकी कमर पर लटकी पिस्टल कैमरे में आ गई। वहीं विधानसभा सचिव पृथ्वीराज का कहना है कि इस संबंध में रिपोर्ट तलब कर दी गई है। आपको बता दें कि मुख्य भवन के द्वार पर डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर ‘डीएफएमडी’ लगा है, जोकि शरीर को आठ हिस्सों में स्केन करता है और मल्टी लाइट्स के जरिए बताता है कि कौन से हिस्से पर धातु या कोई दूसरी चीज है। लेकिन अधिकांश जनप्रतिनिधि बगल से निकल जाते हैं।
हालांकि अगर ये कभी बीप की आवाज देता है तो सुरक्षाकर्मियों द्वारा विधायक-अफसरों को टोका नहीं जाता। विधायकों की तलाशी का प्रावधान नहीं है, लेकिन विधानसभा द्वारा जारी बुलेटिन में साफ हिदायत है कि वे किसी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र लेकर अंदर नहीं आया जा सकता। विधायक मनोज न्यांगली ने इस पूरे घटनाक्रम पर माफी मांगते हुए कहा कि क्षेत्र से वे सीधे ही सदन में पहुंचे और गलती से पिस्टल लेकर सदन में आ गए थे। ऐसी गलती नहीं दोहराई जाएगी। वैसे हथियार का उनके पास लाइसेंस है और सुरक्षा कारणों से अपने साथ रखते हैं। सार्दुलपुर से बसपा विधायक मनोज न्यांगली को उन पर हुए हमले के बाद से सरकार ने वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।