नई दिल्ली। तेजबहादुर यादव की पत्नी द्वारा दायर लापता याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सीमा सुरक्षा बल को निर्देश दिया कि जवान को अपनी पत्नी से मिलने दिया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए रहा कि तेजबहादुर की पत्नी को उसके बैरक में जाने की अनुमति दी जाए और उसके साथ दो दिन ठहरने दिया जाए।
हालांकि बीएसएफ का कहना था कि तेजबहादुर को गिरफ्तार या कब्जे में नहीं रखा गया है बल्कि उसका तबादला दूसरी बटालियन सांबा में कर दिया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीमा सुरक्षा बल की ओर से तेजबहादुर का नंबर और उसका पता पत्नी को दिया गया। इसके साथ ही तेजबहादुर की कॉल डिटेल दी गई और ये बताया गया कि तेजबहादुर ने अपनी पत्नी से बात की है।
तेजबहादुर की पत्नी ने कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि पति से संपर्क करने की काफी कोशिश की लेकिन कुछ पता नहीं चला। यहां तक कि उन्होंने सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक को दो पत्र भी लिखे लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
याचिका में कहा गया है कि यादव ने अपनी पत्नी से बात की थी और कहा था कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं जिसके बाद उन्होंने दोबारा सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने उनसे मुलाकात नहीं की ।
बता दें कि कुछ दिन पहले सेना ने जवान का वीआरएस कैंसिल कर दिया गया था और कहा गया था कि बीएसएफ के मुताबिक जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक वो नौकरी नहीं छोड़ सकते है जबकि उनकी पत्नी शर्मिला ने इस बयान के पलट कहा था कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है।