नई दिल्ली। चर्चित मेडिकल घोटला मामले में ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की एक दलाल से बातचीत का टेप सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई को सौंपी गई इस मामले की जांच के बाद ये कथित फोन कॉल सामने आई है। इस टेप में जज कथित तौर पर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीट बेचने वाले दलाल से बात कर रहे हैं। दरअसल सितंबर 2017 में सीबीबीआई ने ओडिश हाईकोर्ट के पूर्व जज आइएस कद्दूसी को इस आरोप में गिरफ्तार किया था कि वो सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट के कुछ शीर्ष जजों को घूस देकर प्रभावित करने की साजिश रच रहे थे।
गौरतलब है कि मेडिकल एडमिशन घोटाले का ये मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है और इसमें मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ चार वरिष्ठ जजों के बागी तेवर दिखाने की एक वजह ये भी है क्योंकि जजों का कहना है कि इस घोटाले की सुनवाई के लिए एक संवैधानिक बेंच बनाया जाए, लेकिन पिछले साल नवंबर में मिश्रा ने इस आदेश को पलट दिया। इस मामले में शिकायत करने वाले लोग अब उस बातचीत का ट्रांसक्रिप्ट सर्कुलेट कर रहे हैं, जिसमें ये पता चलता है कि ओडिशा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस कुद्दूसी ने एडमिशन घोटाले के मामले में जजों को प्रभावित करने की कोशिश की।
वहीं इस टेप की बाद करें तो इसमें हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस घोटाले में आरोपी अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट और इलहाबाद हाईकोर्ट को मंदिर बता रहे हैं। दरअसल इस टेप में कॉर्ड वर्ड में बात की गई है, जिसमें अग्रवाल जजल से पूछ रहे हैं कि ये मामले इलाहाबाद के मंदिर में या फिर दिल्ली के मंदिर में। इसके जवाब में कद्दूसरी कहते हैं कि नहीं नहीं अभी तो ये मामले दोनों में किसी भी मंदिर में नहीं है, लेकिन ये वहां जाएगा जरूर। अग्रवाल कथित रूप से इस घूसखोरी में एक ‘कैप्टन’ के शामिल होने की बात करता है। वह कहता है, ‘हां, हां, इसमें आप एक चीज देखेंगे, 100 फीसदी, ये मामला हमारे कैप्टन के द्वारा ही देखा जाएगा। तो समस्या क्या है, मुझे बताइए?’ शिकायतकर्ताओं का कहना है कि सितंबर में हुई ये बातचीत मेडिकल कॉलेजों पर एडमिशन बैन का उल्लंघन करने पर सरकारी कार्रवाई के खिलाफ उनके सुप्रीम कोर्ट में अपील से ही जुड़ा है।
इस बातचीत में दलाल अग्रवाल चिंता जताता है कि ‘चायवाले’ की सरकार भ्रष्टाचार पर सख्ती से नजर रखे हुए है। अग्रवाल कहता है, ‘लगेज पहले ही देना होगा और वह मीटिंग के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि यह चायवाले की सरकार है। यह सब पर नजर रखे हुए है, यही समस्या है। दोनों घूस के बारे में खुलकर बात करते हैं. रिटायर्ड जस्टिस कुद्दूसी पूछते हैं, ‘कितना एडवांस मिलेगा। इसका जवाब मिलता है, ‘उन्होंने तो उस समय कहा था कि रीव्यू पेटिशन के लिए 100 लोगों को देना होगा. यदि रीव्यू की इजाजत मिलती है, तो आपको बता दिया जाएगा. सोमवार को हम तय करेंगे. वे हमें 2 से 2.5 तक सामान देंगे, कोई समस्या नहीं।