जहां एक तरफ कोरोना ने धरती को मौत के मुंह में लाकर खड़ा कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ आसमान पर भी जंग जैसे हालात खड़े हो गये हैं। अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन ने भी रूस पर किलर मिलाइल के द्वारा हमला करने का आरोप लगाया है। ब्रिटेन के कॉमन डिफेंस कमिटी के चेयरमैन टोबियस एलवुड ने चेतावनी दी है कि अगर रूस को स्पेस में हथियार बनाने की इजाजत मिलती है तो जीपीएस सिस्टम्स को खतरा हो सकता है। अमेरिकी सेना के स्पेस कमान ने बताया था कि अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे रूस के सैटलाइट कॉसमॉस 2542 पर 15 जुलाई को उसके अपने ही सैटलाइट कॉसमॉस 2543 ने मिसाइल हमला किया है।
एलवुड ने सरकार से ऐसे खतरे से बचाने के लिए कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने चिंता जताई है कि इससे कम्यूनिकेशन और नैविगेशन सिस्टम्स हमले का शिकार हो सकते हैं। एलवुड ने टेलिग्राफ से बताया है, ‘हमारी जिंदगी का हर पहलू जीपीएस पर निर्भर है। पेमेंट सिस्टम, कृषि, मशीनरी, मॉडर्न इंडस्ट्रीज और डिफेंस। जीपीएस में नुकसान से नैविगेशन ठप हो जाएगा।’ चिंता जताई जा रही है कि इस हथियार से पश्चिमी सैटलाइट्स को नुकसान हो सकता है।
इससे पहसे रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि रूस अंतरिक्ष में उपकरण की जांच के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। अब रूस ने अमरीका और ब्रिटेन पर सच को ‘तोड़ मरोड़कर’ पेश करने का आरोप लगाया है और कहा है कि यह कोई हथियार नहीं है।
अमरीका पहले भी अंतरिक्ष में रूस के सैटेलाइट की गतिविधियों को लेकर सवाल उठा चुका है। हालांकि यह पहली बार है जब ब्रिटेन ने ऐसे आरोप लगाए हैं।
अमरीका के असिस्टेंट सेक्रेटरी ऑफ़ इंटरनेशनल सिक्योरिटी एंड नॉन प्रॉलिफरेशन, क्रिस्टोफ़र फ़ोर्ड ने कहा, “इस तरह के एक्शन अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए ख़तरा है और अंतरिक्ष में कचरा पैदा होने की संभावना को बढ़ाते हैं, जो कि सैटेलाइट और स्पेस सिस्टम के लिए, जिस पर दुनिया निर्भर है बड़ा ख़तरा है।”अमरीका के स्पेस कमांड के प्रमुख जनरल जे. रेमंड ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि “रूस ने स्पेस में एंटी सैटेलाइट हथियार का टेस्ट किया है।”
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अंतरिक्ष वॉर के हमले को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं। इसके साथ ही अंतक्षित पर होते हमलों को लेकर चेतावनी भी जारी का जा रही हैं।