प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के पहुंच गए हैं। चीन के बीच तनातनी के बाद भी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम मोदी का स्वागत किया है। माना जा रहा है कि सम्मेलन के दौरान उत्तर कोरिया के बम के बारे में चर्चा की जा सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम टेस्ट का विरोध ब्रिक्स देशों ने किया था। रविवार को पीएम मोदी चीन पहुंच गए थे।
माना यह भी जा रहा है कि सम्मेलन के दौरान आतंकवाद के मुद्दे को भी उठाया जा सकता है। माना यह भी जा रहा है कि सम्मेलन के दौरान गोवा शिखर सम्मेलन के मुद्दों पर भी बात की जा सकती है। लेकिन ब्रिक्स देशों के सम्मेलन से पहले चीन की तरफ से आतंकवाद पर एक बड़ा बयान आया था। चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में आतंकवाद पर बात करना उचित नहीं है। चीन ने कहा था कि आतंकवाद का मुद्दा आते ही भारत की चिंता पाकिस्तान को लेकर काफी बढ़ जाती है। ऐसे में चीन ने पाकिस्तान की तारीफ करते हुए कहा था कि पाक ने आतंकवाद के खिलाफ जो कदम उठाए हैं वह काफी सहारनीय है।
BRICS leaders at the Summit in Xiamen. pic.twitter.com/QBhB2fdY3O
— PMO India (@PMOIndia) September 4, 2017
चीन के श्यामन में हो रहे इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, दक्षिण अफ्रिका के राष्ट्रपति जैकोब जूमा, ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर का भी जोरदार स्वागत किया गया है। आपको बता दें कि ब्रिक्स देशों में दक्षिण अफ्रिका, चीन, भारत, ब्राजील, रूस शामिल हैं। ऐसे में देखने वाली बात यह है कि दो महीने से भी ज्यादा चले डोकलाम विवाद के बाद पीएम मोदी पहली बार चीनी राष्ट्रपति के साथ मुलाकात करने वाले हैं। ब्रिक्स देशों के सम्मेलन के बाद 5 सितंबर को पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अलग से मुलाकात होने वाली है।