हरिद्वार। देवभूमि उत्तराखंड में आयोजित भारत साधु समाज के सम्मेलन में समाज के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी हरिनारायणानंद महाराज ने जयराम आश्रम के स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी को भारत साधु समाज का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोनीत किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब देश के सभी साधु समाज के लोगों को एक जुट करने का दायित्व स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज के कंधों पर आ टिका है। उन्होने ये भी कहा कि हमारा उद्देश्य सनातन परम्पराओं को जन-जन तक पहुंचाते हुए। अपनी सनातनी परम्परा का पालन सुनिश्चित करना भी है।
इस सम्मेलन में उन्होने अपने सम्बोधन में कहा कि धर्म की पताका को विश्व पटल पर संत समाज रखता चला आ रहा है। केन्द्र सरकार को मठ मंदिरों के अधिग्रहण से पूर्व अनेकों पहलुओं पर सोचना चाहिये। संतों का किसी भी रूप में अपमान सहन नहीं किया जायेगा। सरकार हिन्दू धर्म और संस्कृति की गरिमा और प्रतिष्ठा को बनाए रखे। इसके लिए एक कानून भी पारित किया जाना चाहिए। जिससे हमारी परम्परा को कोई भी आघात ना पहुंचा सके।
ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि द्वारिका पीठाधीश्वर, जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने जो जिम्मेदारी मुझे सौंपी है उस जिम्मेदारी को कर्मठता, ईमानदारी एवं सनातन परम्पराओं से निर्वाह किया जायेगा। देश के संत समाज को एकता के सूत्र में बांधने का हरसंभव प्रयास करूंगा। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होने कहा कि सरकार लगातार मंदिरों और मठों पर टैक्सों का बोझ बढ़ाती जा रही है। जबकि हम समाज और जनता की सेवा के लिए मठ और मंदिर बनाते हैं। ये आय के साधन नहीं हैं, लेकिन सरकार अपनी गलत नीति के चलते इन पर टैक्स लगा रही है।
इस अवसर पर महंत रविन्द्र पुरी, महंत मोहनदास, मुखिया महंत भगतराम, महंत बलवंत सिंह, श्रीमहंत ज्ञानदेव शास्त्री, स्वामी कपिल मुनि महाराज, स्वामी हरिचेतनानंद महाराज, महंत मोहनदास रामायणी, स्वामी श्यामसुन्दरदास शास्त्री, स्वामी चिद्विलासानंद, पंजाब प्रान्त के भारत साधु समाज के अध्यक्ष म.म. महादेव महाराज, स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती, स्वामी सहजानंद सरस्वती सहित कई संत महंतों ने भारत साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनने पर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी को शुभकामनायें दी।