लखनऊ। अपने ताबड़तोड़ फैसलों के लिए यूपी के सियासी गलियारों में हलचल मचाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ ने एक और फैसला लिया है…फैसला ये कि आने वाले 45 दिनों के अंदर उन्हें गोमती रिवरफ्रंट घोटाले की जांच रिपोर्ट मिल जानी चाहिए।
गोमती रिवर फ्रंट यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसकी शुरुआत 16 नवंबर 2016 को हुई थी। हालांकि इसे मार्च 2017 में पूरा होना था लेकिन अभी भी कुछ काम चल रहा है। इस रिवर फ्रंट पर 3,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए है।
कुछ दिन पहले ही सीएम ने किया था रिवर फ्रंट का दौरा:-
सीएम की गद्दी पर काबिज होने के कुछ ही दिन बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रंट का दौरा किया। वो वहां पर करीबन 40 मिनट का समय बिताया। योगी ने रिवर फ्रंट के बजट को लेकर सभी विभागों के अधिकारियों से चर्चा की और नदी में गिर रहे नाले पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर ये नाला गोमती नदी में क्यों गिर रहा है। इसके साथ ही योगी ने अधिकारियों को आदेश दिया कि ये गंदा नाला गोमती में ना गिरे।
अफसरों की लगाई थी क्लास:-
साफ-सफाई को लेकर योगी आदित्यनाथ कितने सख्त है इसका नजारा तो आप पिछले 7 दिनों में ही देख चुके होंगे। पीएम मोदी की स्वस्छ अभियान को सीएम ने भी साफ-सफाई की मुहिम में शामिल कर लिया है। इसी तर्ज पर मुख्यमंत्री ने रिवर फ्रंट का दौरे के दौरान अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। उन्होंने आला अधिकारियों से पूछा कि गोमती का पानी क्यों गंदा है? क्या सारे पैसे पत्थरों में लगा दिए? आखिर प्रोजेक्ट की लागत इतनी ज्यादा क्यों हुई?
मई तक गोमती को साफ करना का दिया है आदेश:-
योगी ने अधिकारियों को गोमती नदी को साफ करने की डेड लाइन मई तक दे दी है। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को एक साल के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही योगी ने कहा कि रिवर फ्रंट परियोजना में 6 किमी नदी को 3 मीटर गहराई में गहरा किया गया है लेकिन कागज पर इतनी मिट्टी निकली तो फेंकी कहां गई?