नई दिल्ली। बीते दिनों पहले पश्चिम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिल पर हमला किया था। जिसमें बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित कई नेता घायल हो गए थे। इस हमले को लेकर केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से रिपोर्ट मांगी थी। हमले के बाद से गृह मंत्रालय हरकत में आ गया और एक्शन लेते हुए जेपी नड्डा की सुरक्षा संभालने वाले बंगाल कैडर के तीन आईपीएस अधिकारियों को गृह मंत्रालय बुलाया है। तीनों अफसरों की गृह मंत्रालय में तैनाती की गई। इसको लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा गया है कि आईपीएस अधिकारियों को गृह मंत्रालय अटैच नहीं कर सकता। जेपी नड्डा के काफिले पर गुरुवार 10 दिसंबर की सुबह उस समय हमला हुआ जब वह पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल होने डायमंड हार्बर जा रहे थे।
केंद्रीय गृहमंत्री के इशारे पर शीर्ष अधिकारियों को तलब किया गया- ममता
बता दें कि श्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले को लेकर गृह मंत्रालय ने एक्शन लिया है। जेपी नड्डा की सुरक्षा संभालने वाले बंगाल कैडर के तीन आईपीएस अधिकारियों को गृह मंत्रालय बुलाया है। इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने शनिवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर कहा कि बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर हमले को लेकर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दिल्ली तलब करना ‘राजनीति से प्रेरित है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है। लोकसभा में तृणमूल कांग्रस के मुख्य सचेतक बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन को भयभीत करने के लिए दबाव डालने वाली कार्रवाई की जा रही है और केंद्रीय गृहमंत्री के इशारे पर शीर्ष अधिकारियों को तलब किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि संविधान की सातवीं अनूसूची के तहत कानून व्यवस्था राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है ऐसे में आप कानून-व्यवस्था के संदर्भ में किसी भी तरह की चर्चा के लिए कैसे दोनों अधिकारियों को बुला सकते हैं।
बदले की भावना के तहत अधिकारियों पर दबाव डालना चाहते हैं- बनर्जी
वहीं टीएमसी नेता ने दावा किया कि नड्डा के काफिले में एक मामले में दोषी ठहराया गया और 59 अन्य मामलों में नामजद आरोपी था, जिसने सड़क के किनारे खड़े तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उकसाने वाले इशारे किए थे। उन्होंने कहा कि कानून- व्यवस्था के मामले में राज्य सरकार विधानसभा के प्रति जवाबदेह है लेकिन आपके या आपके गृह मंत्री के प्रति नहीं है। इसके साथ ही बनर्जी ने लिखा, ‘‘यह राजनीतिक उद्देश्य से और आपके मंत्री के इशारे पर उठाया गया कदम लगता है जो भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक व्यक्ति हैं, आपने वह पत्र जारी किया किया है। आप राजनीतिक बदले की भावना के तहत पश्चिम बंगाल के अधिकारियों पर दबाव डालना चाहते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि आप संघीय ढांचे में हस्तक्षेप कर रहे हैं।