नई दिल्ली/ चेन्नई। देशभर में आज मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है जिसे तमिलनाडु में जलीकट्टू के नाम से जाना जाता है। इस दिन तमिनाडु में बुल फाइट यानि कि जलीकट्टू नाम का खेल खेला जाता है जिस पर फिलहाल बैन लगा हुआ और अब वो सुप्रीम कोर्ट के दायरे में है जिस पर आज सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद राज्य के सभी लोगों में आक्रोश है लेकिन ऐसा लगता है कि वो अब उनकी अनुमति के इंतजार के मूड में नहीं हैं क्योंकि फैसला आने से पहले ही राज्य में कई जगह इसकी पूरी तैयारी की जा चुकी है।
बैलों को काबू करने के इस खेल को समर्थन तमिलनाडु के राजनीतिक दलों के अलावा सुपरस्टार कमल हसन ने भी किया है। तो वहीं डीएमके का कहना है कि ये खेल अभी भी हो सकता है और ऐसा तब होगा जब केंद्र सरकार अध्यादेश लाए।
जानिए कोर्ट ने क्यूं लगाया जलीकट्टू पर प्रतिबंध
क्यों है जलीकट्टू इतना खास?
-जलीकट्टू तमिलनाडु का परंपरागत खेल है।
-पोंगल के खास मौके पर बैलों की दौड़ कराई जाती है और लोग उसे अपने काबू में करने की कोशिश करते है।
-इस त्योहार पर मुख्य रुप से बैल की पूजा की जाती है क्योंकि बैल के जरिए किसान अपनी जमीन जोतता है। इसी के जरिए बैल दौड़ का आयोजन किया जाता है।
-इस प्रथा को परंपरा के तौर पर निभाते है।