नई दिल्ली। आपने ये अनुभव किया होगा कि आपको एक लीटर की पानी की बोतल रेलवे स्टेशन,बस अड्डे, होटल और आपके घर के पास की दुकान में अलग-अलग दामों पर मिलती होगी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब रेस्टोरेंट, होटल,मल्टीप्लेक्स आदि को अधिकतम खुदरा मुल्य से अधिक पानी की बोतल बेचने पर जुर्माना देना होगा,यहां तक कि उन्हें जेल की हवा तक खानी पड़ सकती है। केंद्र सरकार ने इस बात की जानकारी सर्वोच्च न्यायालय को दी है। फेडरेशन ऑफ होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से दायर एक याचिका के जवाब में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि छपी कीमत से ज्यादा पैसे वसूल करना उपभोक्ता के अधिकारों का हनन है।
इसी के साथ इसे टैक्स चोरी के क्रम में भी रखा गया है। सरकार का कहना है कि पानी की बोतल पर छपी कीमत से ज्यादा पैसे वसूलने के चलन से सरकार को भी सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी में नुकसान उठाना पड़ सकता है। मंत्रालय ने कहा कि प्री-पैक्ड या प्री-पैकेज्ड प्रॉडक्ट्स पर छपी कीमत से ज्यादा पैसे वसूलना लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत एक अपराध माना जाता है। गौरतलब है कि साल 2015 में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने कीमत से ज्यादा पैसे वसूल रहे विक्रेताओं पर कार्रवाई करने के सरकार के अधिकार को सही ठहराया था। होटल एसोसिएशन की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी।
लीगल मेट्रोल़जी अधिनियम की धारा 36 बताती है कि कोई भी व्यक्ति अगर किसी प्री-पैकट वस्तू को उसकी कीमत से ज्यादा बेचता है तो ये कानून जुर्म है, जिसके तहत अब अधिक कीमत पर पानी की बोतन बेचने वाले को जेल जाना पड़ेगा। इस जुर्म को करने वाले को 25 हजार तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। वहीं ऐसा अपराध दूसरी बार होने पर जुर्माने की राशी बढ़कर 50 हजार रूपये हो जाएगी। इसके अलावा बार बार इस तरह का अपराध करने पर 1 लाख तक का जुर्माना या फिर जेल की सजा का प्रावधान या फिर दोनों तरह के दंड दिए जा सकते हैं।