ढाका। अगस्त में भड़की म्यांमार में हिंसा के बाद वहां से भाग कर बांग्लादेश में शर्णार्थियों की जिंदगी गुजार रहे रोहिंग्या मुसलमानों की पुनर्वास के लिए संयुक्त राष्ट्र ने एक फैसला लिया है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि दुनिया के हर देश को मानवीय आधार पर रोहिंग्या मुसलमानों की मदद करनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के सहायक उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने म्यांमार के सदस्यों के साथ बैठक कर ये बात कही। बैठक के दौरानल टर्क ने कहा म्यांमार की सरकार ने आग्रह करते हुए कहा कि रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिच्श्रित किया जाए।
टर्क ने कहा कि जो संगठन मानवीय आधार पर मदद के लिए आगे आ रहे हैं उन्हें बेरोक-टोक सहायता करने की अनुमति दी जाए तांकि समुदायों के बीच में विश्वास बना रहे। संयुक्त राष्ट्र के आधिकारियों ने म्यांमार सरकार के उस प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की जिसके तहत यूएन शरणार्थी एजेंसी के साथ एक संयुक्त कार्यशाला का आयोजन किया जाना है। इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के तहत स्वैच्छिक पुनर्वास पर सरकार का समर्थन शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, वर्तमान में कम से कम 603,000 शरणार्थी बांग्लादेश के राहत शिविरों में रह रहे हैं। ये शरणार्थी 25 अगस्त को म्यामांर की आर्मी द्वारा रखाइन प्रांत में चलाए गए ऑपरेशन के बाद बांग्लादेश की तरफ भाग गए थे। वहीं अबतक 400 से भी ज्यादा रोहिंग्या मुसलमानों की सीमा पार करते समय नदी में डूबने से मौैत हो गई है।