चंडीगढ़। पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद एक बार फिर अमरिंदर की परीक्षा होने जा रही है। दरअसल शाहकोट में उपचुनाव होने वाला है,जिसके लिए अकाली दल और कांग्रेस ने कमर कस ली है। पंजाब सरकार में पूर्व मंत्री अजीत सिंह के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर आगामी 28 मई को मतदान होगा और इसके नतीजे 31 मई को आ जाएंगे।कांग्रेस के लिए ये चुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस सीट पर पिछले पांच चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है।
वहीं उपचुनाव की शुरुआत भी कांग्रेस की तरफ से ठीक नहीं हुई है क्योंकि कांग्रेस की तरफ से संभावित उम्मीदवार माने जा रहे हरदेव सिंह लाडी रेत मामले के सेटलमेंट को लेकर स्टिंग ऑपरेशन में फंस गए हैं। दूसरी तरफ अकाली दल ने शाहकोट में अपना चुनावी दफ्तर खोलकर चुनावी बिगुल फूंक दिया है। बता दें कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे हरदेव सिंह लाडी का रेत मामले में एडजस्टमेंट को लेकर एक स्टिंग वीडियो वायरल हुआ है। इससे कांग्रेस की परेशानी भी बढ़ गई है।
शाहकोट उपचुनाव के लिए कांग्रेस जहां अभी अपने प्रत्याशी के चयन प्रक्रिया से गुजर रही है, वहीं अपना अभेद किला सुरक्षित रखने के लिए अकाली दल ने पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर ली है। हालांकि पार्टी ने इस उपचुनाव में पांच बार के मुख्यमंत्री और पार्टी संरक्षक प्रकाश सिंह बादल को दूर रखने का फैसला किया है, जबकि पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल ने सभी वरिष्ठ नेताओं को 5 मई से शाहकोट में पहुंचने के निर्देश दे दिए हैं। अकाली प्रत्याशी नायब सिंह कोहाड़ 9 मई को अपना नामांकन भरेंगे।
शाहकोट सीट से स्व. अजीत सिंह कोहाड़ लगातार पांच विधानसभा चुनाव जीते थे। वहीं, अकाली दल ने विधानसभा चुनाव में आप के उम्मीदवार रहे डॉ. अमरजीत सिंह थिंद को पार्टी में शामिल करवा लिया है। थिंड को 40,911 वोट मिले थे। अकाली दल यह मान रहा है कि इस उपचुनाव को जीतकर वह कांग्रेस को बैकफुट पर ला सकता है। सुखबीर बादल ने सभी वरिष्ठ पार्टी नेताओं की ड्यूटियां लगा दी हैं।