काठमांडू। नेपाल में साल 2008 में 200 सालों से भी ज्यादा समय से चली आ रही राजशाही खत्म होने के बाद काठमांडु में साल 2015 में संविधान लागू हो गया था। संविधान लागू होने के बाद नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी एक बार फिर नेपाल में राष्ट्रपति की दौड़ में कूद पड़ी है, जिनके सामने प्रतिद्वंदी के रूप में नेपाली कांग्रेस की नेता लक्ष्मी राय हैं। नेपाल में इन दोनों में से कोई भी राष्ट्रपति बने, लेकिन इतना तय है कि नेपाल की पहली नागरिक एक महिला होगी। नेपाल में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 13 मार्च को वोट डाले जाएंगे। 55 वर्षिय विद्या देवी भंडारी नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति हैं और उनके फिर से निर्वाचित होने की संभावना हैं क्योंकि उनका सत्तारूढ़ दल सीपीएन-यूएमएल-सीपीएन- माओवादी सेंटर में सत्ता चला रहा है।
निर्वाचक मंडल में 800 से अधिक वोट हैं। विद्या ने 1979 में एक वामपंथी छात्र आंदोलन से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी, जिसके उन्होंने सीपीएन- यूएमएल की सदस्य ग्रहण कर ली थी। इस दौरान वे अंडरग्राउंड हो गईं और उन्होंने मोरंग जिले से पार्टी विहीन पंचायत तंत्र के खिलाफ संघर्ष किया। विद्या भंडारी ने प्रसिद्ध कम्युनिस्ट नेता मदन कुमार भंडारी से शादी की। 1993 में एक सड़क हादसे में मदन की संदिग्ध मौत के बाद राजनीति में विद्या की दूसरी पारी शुरू हुई। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री कृष्णप्रसाद भट्टाराई के खिलाफ चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। भंडारी साल एक साल तक सांसद रहीं और उन्होंने 1994 और 1999 के दौरान लगातार दो बार संसदीय चुनाव जीते