पीएम मोदी का ये जयपुर दौरा जनता के नजरिए से अब तक कुछ खास नही रहा है। पहले भीड़ जुटाने के लिए किए गए खर्च पर सवाल उठे तो अब एक और नया विवाद खड़ा हो गया है। आपको बता दे कि पीएम मोदी के सभा मे लोगों को काले कपड़े मे जाने की इजाजत नही है। काले कपड़े तो ठीक हैं, लेकिन काले मोजे, काले रुमाल या फिर कोई भी काली चीज पहनकर जाने की अनुमति नही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसकी वजह ये है कि कोई भी पीएम के सभा मे धरना पर ना बैठ जाए। आज शनिवार है और कइ लोग जो शनि देव को मानते हैं वो पीएम के इस सभा मे काले वस्त्र मे गए थे, जिनको लौटा दिया गया।
ये कदम अपने आप मे कई सवाल खड़े करता है कि आखिर काले कपड़ों पर क्यों प्रतिबंध लगाया गया। अगर कुछ लोग धरना देते भी तो ये उनका हक है, लोकतंत्र मे इसकी आजादी है। हद तो तब हो गई जब वो महिलाँए जो काले बुर्के मे आई थी उनको भी वापस लौटना पड़ा, एक तरफ जहाँ मोदी सरकार महिला सश्कतिकरण को बढ़ावा देता है, वही दूसरी ओर महिलाओं के साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है। प्रशासन ने शायद उन लोगों के बारे मे नही सोचा जो बस के द्वारा आएं हैं, और उन लोगों ने अगर काले कपड़े पहने हैं तो उनको प्रवेश करने से रोक दिया गया है। मोदी सरकार के इस कदम से लोगों मे रोष है ।
आजकल ये खूब देखने को मिल रहा है कि नेतागण अपना सहूलियत के हिसाब से रैली कर रहे हैं। सबसे दिलचस्प बात ये है कि रैली की वजह पूछने पर नेताओं का जवाब ये होतो है कि वो अपनी बातों को जनता तक पहुँचाना चाहते हैं। वही इसके उलट हम ये देखते हैं कि जनता ही उस रैली मे नदारद रहती है।