नई दिल्ली। एक तरफ कोरोना महामारी की वजह से जहां देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से डगमगा गई थी। वहीं आज मोदी कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश में बड़े प्रोजेक्ट की मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट को लूहरी हाइड्रो प्रोजेक्ट का नाम दिया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि 10 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट की लागत 1810 करोड़ है। इस प्रोजेक्ट के तहत लोगों को बिजली की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही इस प्रोजेक्ट के तहत कई हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
चार समझौते पर किए गए हस्ताक्षर-
बता दें कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि चार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। भारत के साथ इजरायल और इंग्लैंड के बीच स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर समझौते हुए हैं। इसके अलावा इंग्लैंड के साथ टेलीकम्युनिकेशन और आईसीटी के बारे में समझौते हुए हैं। इसके साथ ही कैबिनेट में चर्चा की गई कि देश में अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है इस हाइड्रो प्रोजेक्ट को मोदी कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि 10 मेगावॉट के इस प्रोजेक्ट की लागत 1810 करोड़ होगी। इससे हर साल 775 करोड़ यूनिट बिजली मिलेगी। यह सतलज जल विद्युत निगम के मार्फत होगा। केंद्र और राज्य सरकार की मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि लूहरी हाइड्रो प्रोजेक्ट से दो हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। हिमाचल प्रदेश को 1140 करोड़ रुपये की बिजली मुफ्त मिलेगी और जो प्रकल्प बाधित है, उन परिवारों को 10 साल तक हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी।
बिजली की कुल मांग में 12 फीसदी का इजाफा- प्रकाश जावड़ेकर
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि अच्छी बारिश के कारण खेती क्षेत्र में बिजली की कम मांग रही। इसके बावजूद बिजली की कुल मांग में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है और रेलवे की मांग भी बढ़ी है। अभी रेलवे की सेवा कई जगह पर बाधित है। उद्योगों में बिजली की डिमांड बढ़ना अच्छा संकेत है। पिछले साल अक्टूबर से ज्यादा जीएसटी कलेक्शन हुआ है।