उत्तराखंड। कांग्रेस से बगावत करके भाजपा में शामिल होने वाले उमेश शर्मा काऊ के विवाद रूकने की वजाय बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। वे आए किसी न किसी विवाद को लेकर चर्चाओं में बने रहते हैं। पहले उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने अपनी विधानसभा में विकास कार्य न किए जाने की शिकायत की थी। जिसके बाद उन्होंने इंदु बाला पर पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के खिलाफ आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। उमेश शर्मा काऊ के इस आरोप के बाद पार्टी में खलबली मची हुई है।
यह है मामला-
बता दें कि हर समय विवादों में रहने वाले उमेश शर्मा काऊ उत्तराखंड में रायपुर से विधायक हैं। विधायक उमेश शर्मा काऊ के पत्र के मुताबिक 31 अक्तूबर को रायपुर विधानसभा क्षेत्र के तीनों मंडलों में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ था। वीरचंद्र सिंह गढ़वाली मंडल के प्रशिक्षण में समापन के आठवें सत्र में इंदु बाला को मुख्य वक्ता बनाया गया था। आरोप है कि उन्होंने अपने उद्बोधन में पूर्व मुख्यमंत्री व सदस्य कोर कमेटी विजय बहुगुणा के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणियां कीं। आरोप यह भी है कि उस दौरान महानगर अध्यक्ष सीताराम व मंडल अध्यक्ष सुभाष यादव मंच पर थे, लेकिन उन्होंने इंदु बाला को बोलने से नहीं रोका। इंदु बाला पर अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत से शिकायत की है। शिकायती पत्र की प्रति उन्होंने प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिव प्रकाश और विजय बहुगुणा को भी भेजी है।
इंदु बाला ने उमेश काऊ के आरोपों को गलत बताते हुए खारिज किया-
भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के पत्र के बाद चर्चाओं में आई इंदु बाला को प्रदेश सरकार ने बुधवार को उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का सदस्य नामित किया था। वे बोर्ड में कर्मकारों के प्रतिनिधित्व के तौर पर सदस्य बनाई गईं हैं। इंदु बाला ने पार्टी विधायक उमेश काऊ के आरोपों को गलत बताते हुए खारिज कर दिया है। बकौल इंदु बाला, प्रशिक्षण वर्ग में मुझे सरकार की उपलब्धियों पर बोलना था। मैंने पूर्व सरकारों से तुलना करते हुए उनकी आलोचना की। मैंने किसी भी नेता का नाम नहीं लिया। इस बात को बेवजह तूल दिया जा रहा है। मैंने कुछ गलत नहीं किया। प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री संगठन को मैंने अपना पक्ष बता दिया है।