Breaking News featured देश

90 हजार किलोमीटर की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा बुर्ज खलीफा जितना बड़ा उल्कापिंड, नासा ने किया कंफर्म

ddd12214 3c4e 4fae 8dfd d62ba21ca28a 90 हजार किलोमीटर की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा बुर्ज खलीफा जितना बड़ा उल्कापिंड, नासा ने किया कंफर्म

अंतरिक्ष। आए दिन धरती पर छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। जिससे कभी मानव हानि होती है तो कभी नहीं होती। लेकिन इस साल दुनिया को कई स्तर पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना वायरस महामारी जैसी तमाम चीजों ने दुनिया को इस साल में परेशान किया है। अब इस साल के खत्म होने से कुछ समय पहले एक उल्कापिंड के पृथ्वी की तरफ कदम बढ़ा रहा है और ये कोई छोटा-मोटा उल्कापिंड नहीं बल्कि इसका साइज दुनिया की सबसे लंबी बिल्डिंग दुबई की बुर्ज खलीफा जितना है। पहले भी कई बार वैज्ञानिकों द्वारा ऐसी घोषण की जा चुकी है। दुनिया कई बार ऐसे विनाशकारी उल्कापिंडो का सामना कर चुकी है।

इस दिन धरती के पास से गुजरेगा उल्कापिंड-

बता दें कि एक उल्कापिंड के पृथ्वी की तरफ कदम बढ़ा रहा है और ये कोई छोटा-मोटा उल्कापिंड नहीं बल्कि इसका साइज दुनिया की सबसे लंबी बिल्डिंग दुबई की बुर्ज खलीफा जितना है। नासा ने कंफर्म किया है कि 153201 2000 WO107 नाम का ये उल्कापिंड नवंबर 29 यानि रविवार को धरती के पास से गुजरेगा। ये उल्कापिंड 90 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैवल कर रहा है। इस उल्कापिंड का साइज 820 मीटर के आसपास बताया जा रहा है। बता दें कि बुर्ज खलीफा की हाइट 829 मीटर है और ये दुनिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित स्ट्रक्चर है। इस उल्कापिंड की गति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि किसी बंदूक से निकली गोली साढे़ चार हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैवल करती है। पृथ्वी और चंद्रमा के बीच औसत दूरी 3 लाख 85 हजार किलोमीटर की है लेकिन नासा इस दूरी के लगभग 20 गुना रेंज में आने वाली सभी चीजों को मॉनीटर करने को लेकर प्राथमिकता देता है।

क्या है नासा के अनुसार उल्कापिंड की परिभाषा-

नासा के हिसाब से,  4.6 बिलियन साल पहले निर्माण हुए हमारे सोलर सिस्टम के चट्टानी, वायुहीन अवशेषों को उल्कापिंड कहा जाता है। नासा अब तक दस लाख से ज्यादा उल्कापिंडों के बारे में पता लगा चुका है। साल 2020 में कई छोटे बड़े उल्कापिंड धरती के करीब से गुजरे हैं। इस उल्कापिंड के साइज और इसकी गति को देखते हुए चिंता करना लाजमी है और अगर ये पृथ्वी पर गिरता है तो इससे काफी नुकसान होने की संभावना है। हालांकि नासा का साफ कहना है कि इस उल्कापिंड के धरती से टकराने की संभावना नहीं है। नासा ने इस उल्कापिंड को नियर अर्थ ऑब्जेक्ट(एनईओ) की कैटेगिरी में डाला है।

Related posts

आप के पार्टी अभियान से जुड़ना चाहते हैं तो इस नम्बर पर करें मिस्ड कॉल

Trinath Mishra

केरल में अनोखी शादी, पतीले में बैठ कर मंडप पर पहुंचे दूल्हा-दूल्हन, वीडियो वायरल

Rahul

सोने की खरीद-बिक्री से जुड़ा नया नियम, क्या घर में रखा सोना हो जाएगा बर्बाद?

Shailendra Singh