धौलपुर से इरफान अहमद की रिपोर्ट
धौलपुर। देश भर में पिछले कई दिनों से किसान विरोधी काले कानून का किसान वर्ग आंदोलन कर रहा है। 8 दिसंबर भारत बंद के ऐलान के आह्वान पर आज मंगलवार को धौलपुर जिले की कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने किसानों के समर्थन में अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखा हैं। व्यापारियों ने अनाज मंडी को बंद कर किसानों के समर्थन में कृषि विधेयक बिल को रद्द करने की मांग की है। हालांकि भारत बंद का असर धौलपुर जिले भर में देखने को नहीं मिला। जिले भर ज्यादातर सभी बाजार खुले रहे। तो वहीं भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के पदाधिकारियों ने आज राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा हैं।
व्यापारियों ने अनाज मंडी बंद की—
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के पदाधिकारियों ने आज राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि बिलो का विरोध किया है। साथ ही इन बिलों को निरस्त करने की मांग की गई है।जिले की कृषि उपज मंडी को व्यापारियों ने किसानों के समर्थन में सुबह से ही बंद रखा है। कृषि उपज मंडी के अंदर खरीद-फरोख्त पूरी तरह से बंद रही। मंडी में काम करने वाले पल्लेदार एवं व्यापारी वर्ग के लोग नहीं आए। जो लोग मंडी में पहुंचे उन्होंने अपने प्रतिष्ठानों को पूरी तरह से बंद रखा है। व्यापारियों का कहना हैं कि हाल ही में केंद्र सरकार ने राज्यसभा एवं संसद में किसानों के लिए तीन विधेयक पारित किए थे। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों विधायक किसान एवं मंडी व्यापारियों के विरोधी हैं। जिससे देश का अन्नदाता एवं व्यापारी पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा।
किसान आंदोलन का समर्थन किया—
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के विरोध में देशभर के किसान दिल्ली में प्रोटेस्ट कर रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को शीघ्र ही तीनों काले कानूनों को वापस लेना चाहिए। वहीं भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के पदाधिकारियों ने आज राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा हैं। ज्ञापन में केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि बिलो का विरोध किया है। साथ ही इन बिलों को निरस्त करने की मांग की गई है। किसान केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान बिलों का विरोध करते हैं। इसके साथ ही पूरे देश में हो रहे किसान आंदोलन और उनके संघर्ष का समर्थन करते हैं।