चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया के दौर से पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेता एकजुट होने में लगे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के अकाली नेता बिक्रम सिंह से माफी मांगने के चलते पंजाब में बैकफुट पर आई पार्टी में बगावती सुर तेज हो गई थी। सुखपाल सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि वे केजरीवाल के फैसले की निंदा करते हैं। वहीं प्रदेश प्रधान भगवंत मान और उप प्रधान अमन अरोड़ा ने विरोध के चलते इस्तीफा भी दे दिया था।
पंजाब में सरकार बनाने का सपना देख रही पार्टी को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रदेश में पार्टी की स्थिति का पता चल गया था। अपनी ही नीतियों और चुनाव के आखिरी समय में कुछ बयानबाजियों ने पंजाब में पार्टी को जनधार से दूर कर दिया था। इसके बाद से हीं पंजाब में पार्टी का जनाधार धीरे-धीरे खत्म होने लगा और पार्टी को नगर निकाय के चुनावों में मुह की खानी पड़ी। सुच्चा सिंह छोटेपुर, गुरप्रीत घुग्गी जैसे नेताओं के खिलाफ कारवाई करके आप ने अपने जनाधार में खुद ही सेंधमारी करवा ली थी।
बता दें कि शाहकोट उप चुनाव में उम्मीदवार के चयन व नेताओं की ड्यूटी लगाने व चुनावी रणनीति तय करने को लेकर सिसोदिया का दौरा अहम माना जा रहा है। अंदरखाते भले ही फूट बरकरार रहे, लेकिन सिसोदिया के सामने सभी एकजुट होकर पेश होना चाहते हैं। शायद यही वजह है कि डॉ. बलबीर सिंह के उप प्रधान व संगठन प्रभारी बनने बनने के बाद पहली बार नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा संयुक्त रूप से पहली बार प्रेस कांफ्रेंस करके सिसोदिया के दौरे से पहले ही एकजुटता का संदेश देना चाहते हैं।