बेंगलुरु। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए जनता अपने मतों को का इस्तेमाल कर लिया है और सभी प्रत्याशियों की किस्मत मतपेटी में बद हो गई है। पिछली बार के मुकाबले इस बार एक फीसदी कम मतदान हुआ है। साल 2013 में जहां 71 फीसदी मतदान हुआ था। वहीं इस बार 70 फीसदी मतदान हुआ है। कर्नाटक में सीधे टक्कर कांग्रेस और बीजेपी के बीच में है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की क्षेत्रिय पार्टी जेडीएस किंग मेकर की भूमिका निभा सकती है।
ओपिनियन पोल में नजर डाले तो किसी को भी स्पष्ट बहुमत मिलता नजर नहीं आ रहा है इसलिए सब कि नजर आ आने वाली 15 मई पर टिकी है। जब कर्नाटक की जनता का फैसला सुनाया जाएगा। राज्य में 2,600 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। 4.96 करोड़ से अधिक मतदाता उनके भाग्य का फैसला करेंगे। इन मतदाताओं में 2.52 करोड़ से अधिक पुरुष, करीब 2.44 करोड़ महिलाएं और 4,552 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। राज्य में 55,600 से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
कर्नाटक में लोगों में वोट डालने की उत्सुक्ता कम देखी जा रही है और जब कम वोट डलते है तो इससे सिद्धामैया सरकार के पक्ष मे फैसला आ सकता है। वहीं होलिनासपुर विधानसभा सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने अपने पूरे परिवार के साथ मतदान किया। इसके अलावा लिंगायत समुदाय को लुभाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने मुरसीर मठ का रुख किया था। उसी मुरसीर मठ के गुरुसिद्दा राजयोगिन्द्र महास्वामी ने भी अपने मत का इस्तेमाल किया।
श्री श्री रविशंकर ने भी कनकपुरा में अपने मत का इस्तेमाल किया। मैसूर शाही के वंशज कृष्णदत्त चमारजा वाडियार ने किया मतदान कैबिनेट मंत्री केजे जॉर्ज ने बेंगलुरु में किया मतदान। राजराजेश्वरी विधानसभा सीट पर टला चुनाव। बीजेपी के सीएम उम्मीदवार सिद्धारमैया ने शिकारपुर में डाला वोट। जेडीएस के सीएम प्रत्याशी कुमार स्वामी ने पत्नी अनिता के साथ किया मतदान। राहुल द्रविड और अनिल कुंबले ने डाला वोट। लोकसभा में विपक्ष के नेता खड़गे ने किया मतदान। कैबिनेट मंत्री डीके शिवकुमार ने किया मतदान।