नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे आंदोलन को आज 48वां दिन है। आठवें दौर की वार्ता के बाद भी कोइ नतीजा नहीं निकल पाया है। सरकार का कहना है कि वो कानून में संशोधन करने को तैयार हैं लेकिन कानून वापस नहीं होगा। सरकार का तर्क है कि उन्होंने कानून पूरे देश के लिए बनाया है और ज्यादातर राज्यों के किसान इसका समर्थन कर रहे हैं। सोमवार को किसान आंदोलन को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार को फटकार लगाई थी।
आज सुप्रीम कोर्ट करेगी फैसला-
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद हमारी कमेटी की बैठक होनी है। इसी बैठक में हम आगे का फैसला करेंगे और रणनीति बनाएंगे।
कोर्ट में सुनवाई शुरु-
आज सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर दूसरे दिन की सुनवाई शुरू हो गई है। मुख्य न्यायधीश एसए बोबडे ने कहा कि हम अपने अंतरिम आदेश में कहेंगे कि किसानों की जमीन को लेकर कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं होगा। वकील एमएल शर्मा ने कहा कि किसानों का कहना है कि वह कोर्ट की ओर से गठित किसी कमेटी के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे।
राहुल गांधी का सरकार पर हमला-
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक बार फिर सरकार को किसानों के मुद्दे पर घेरा। राहुल ने ट्वीट कर लिखा , सरकार की सत्याग्रही किसानों को इधर.उधर की बातों में उलझाने की हर कोशिश बेकार है। अन्नदाता सरकार के इरादों को समझता है। उनकी माँग साफ़ है. कृषि.विरोधी क़ानून वापस लो। बस।
केंद्र सरकार ने दिया हलफनामा-
केंद्र ने फैसले से पहले कोर्ट में अपना हलफनामा दियाए जिसमें सफाई दी गई कि कानून बनने से पहले व्यापक स्तर पर चर्चा की गई थीण् सरकार ने कहा कि कानून जल्दबाजी में नहीं बने हैं बल्कि ये तो दो दशकों के विचार.विमर्श का परिणाम हैण्
हलफनामे में कहा गया कि देश के किसान खुश हैं क्योंकि उन्हें अपनी फसलें बेचने के लिए मौजूदा विकल्प के साथ एक अतिरिक्त विकल्प भी दिया गया हैण् इससे साफ है कि किसानों का कोई भी निहित अधिकार इन कानूनों के जरिए छीना नहीं जा रहा हैण्
अदालत पर हैं सभी की निगाहें-
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सोमवार को केंद्र सरकार को फटकार लगाई गई। साथ ही जिस तरह के किसान आंदोलन को सरकार ने संभाला उसपर नाराजगी व्यक्त की गई। ऐसे में अदालत ने कहा है कि अब वो ही इसका निर्णय करेंगे। इसीलिए बीते दिन कमेटी के लिए नामों को मांगा गया। जबतक कमेटी कोई निर्णय नहीं देगी, कानून लागू होने पर रोक लगी रहेगी।
किसानों ने हालांकि किसी कमेटी के सामने पेश होने से इनकार किया है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आज हर किसी की नज़र है।