Breaking News featured देश

कर्नाटक सरकार ने दिए सामाजिक विज्ञान की किताब से कुछ सामग्री हटाने के निर्देश, जानें क्या है वजह

7a29372c e6c9 4155 9db3 dcb1c93838ed कर्नाटक सरकार ने दिए सामाजिक विज्ञान की किताब से कुछ सामग्री हटाने के निर्देश, जानें क्या है वजह

बेंगलुरू। देश में बदलते माहौल को देखते हुए आए दिन इतिहास के साथ छेड़ाड़ की जाती है। किताबों में से इतिहास को उलट-पलट किया जा रहा है। आए दिन ऐसी समस्याएं सामने आती रहती हैं। आज के समय में लोगों द्वारा धर्म को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। इसी बीच धर्म से जुड़ी एक खबर कर्नाटक से आ रही है।  कर्नाटक सरकार ने कक्षा छह की सामाजिक विज्ञान पाठ्यपुस्तक से कुछ सामग्री हटाने का निर्देश दिया है. इससे पहले ब्राह्मण विकास बोर्ड ने शिकायत दर्ज कराई थी कि पुस्तकों में लिखी उक्त सामग्री में ब्राह्मणों के लिए अपमानजनक बातें लिखी गई हैं। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने अपने विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखे एक नोट में यह भी निर्देश दिया है कि शिक्षकों और विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जाए ताकि कक्षा एक से 10 दस तक की पाठ्यपुस्तकों में इस प्रकार की सामग्री की जांच की जा सके।

पुस्तक में लिखी सामग्री ब्राह्मण समुदाय के लिए अपमानजनक-

बता दें कि कर्नाटक सरकार ने कक्षा छह की सामाजिक विज्ञान पाठ्यपुस्तक से कुछ सामग्री हटाने का निर्देश दिया है। निर्देश में 15 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने और आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है। यह कदम उठाए जाने से पहले ब्राह्मण विकास बोर्ड ने इस संबंध में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा से शिकायत की थी और कहा था कि पुस्तक में लिखी सामग्री ब्राह्मण समुदाय के लिए अपमानजनक है। एक फेसबुक पोस्ट में सुरेश कुमार ने लिखा कि मंत्रालय मठ के महंत ने उन्हें फोन कर ब्राह्मण समुदाय की भावनाओं से अवगत कराया था। कुमार ने स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद पाठ्यपुस्तक में संशोधन नहीं किया गया था और न ही कुछ नया जोड़ा गया था। उन्होंने कहा, “मैंने महंत को आश्वासन दिया है कि पहले जो गलती हो गई वह अब सामने आई है और उसे तत्काल सुधारा जाएगा। मंत्री ने अपने नोट में कहा कि कक्षा छह की पाठ्यपुस्तक में नए धर्मों के उद्धव का कारण बताते हुए लिखा गया है कि संस्कृत पुजारियों की भाषा थी और आम आदमी उसे नहीं समझ सकता था।

भड़काऊ सामग्री से समाज में भ्रम पैदा होगा-

उन्होंने कहा कि पाठ्यपुस्तक के अनुसार ‘होम’ और ‘हवन’ में ढेर सारा अनाज, दूध, घी और अन्य चीजें डाली जाती थीं जिसके कारण भोजन की कमी हो गई थी। मंत्री ने कहा कि पाठ्यपुस्तक में यह भी लिखा है कि किसानों के पशुओं की बलि दी जाती थी। पुस्तक में लिखे ऐसे ही अन्य हिस्सों को उद्धृत करते हुए सुरेश कुमार ने अपने नोट में कहा कि ज्यादातर लोगों का मानना है कि इस प्रकार की सामग्री अनावश्यक रूप से लिखी गई है और यह उस वर्ग के बच्चों के लिए नहीं है जिनके लिए यह लिखी गई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की भड़काऊ सामग्री से समाज में भ्रम पैदा होगा और एक वर्ग के लोगों की भावनाएं भी आहत होंगी।

Related posts

23 मार्च 2023 का राशिफल, जानें आज का पंचांग और राहुकाल

Rahul

रुड़की: अवैध तरीके से हो रहे भवन निर्माण को पुलिस ने रुकवाया

pratiyush chaubey

अमिताभ ने 24 घंटे पहले ही कर दी थी विकास दुबे के एनकाउंटर की घोषणा..

Mamta Gautam