नई दिल्ली। कोरोना जैसी भयंकर बीमारी ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया था। जिसके चलते सभी देश कोरोना की वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। अब भारत को जल्द ही कोरोना की वैसीन मिलने वाली है। जिसको लेकर सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक कोरोना वैक्सीन के रखरखाव के इंतजाम हो रहा है। वहीं वैक्सीन के इंतजार के बीच भारत सरकार इसे लोगों को मुहैया कराने की तैयारी में लग गई है। सूत्रों के मुताबिक वैक्सीन को लेकर जल्द एक ऐप आएगा। ये ऐप मोबाइल और कंप्यूटर पर उपलब्ध होगा। इस ऐप में अपने से संबंधित सभी जानकारी भरनी होगी। जिनके पास मोबाइल या कंप्यूटर की सुविधा नहीं होगी वो लोग फ़ॉर्म भरकर सीएमओ के पास देंगे तो उन्हें वैक्सीन की जानकारी वहां से मिल जाएगी। वैक्सीन आने के बाद ही ये एप उपलब्ध होगा। WHO की देखरेख में कोरोना की 170 वैक्सीन पर काम चल रहा है। जिनमें से 154 को अभी तक इंसानों पर टेस्ट नहीं किया गया है।
जानें कौनसी वैक्सीन किस फैज में-
बता दें कि किसी भी परीक्षण में वैक्सीन को 4 ट्रायल से गुजरना होता है। हर ट्रायल में वैक्सीन का सुरक्षित साबित होना अनिवार्य है। टीका विकसित होने के बाद उसे लोगों तक पहुंचाना बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में दुनिया के अरबों लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए रणनीति बनानी होगी। 36 वैक्सीन को छोटे स्तर पर इंसानों पर टेस्ट किया जा रहा है। 16 वैक्सीन फेज 2 में हैं, जिन्हें थोड़ा बड़े स्तर पर टेस्ट किया जा रहा है,और सिर्फ 11 वैक्सीन तीसरे फेज में हैं, जिन्हें बड़े स्तर पर इंसानों पर आजमाया जा रहा है। हालांकि बहुत से विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की वैक्सीन अगले साल के मध्य तक उपलब्ध हो जाएगी। लेकिन आम तौर पर किसी भी बीमारी का टीका बनने में कई साल लग जाते हैं। क्योंकि परीक्षण से ये साबित होना चाहिए की टीका सुरक्षित है। जहां तक भारत की बात है तो यहां कुल 4 वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है। पहली है भारत बायोटेक और ICMR द्वारा तैयार स्वदेशी वैक्सीन, जिसे तीसरे और आखिरी चरण की मंजूरी दे दी गई है। तीसरा चरण का क्लीनिकल ट्रायल 10 राज्यों के 28 हजार लोगों पर किया जाएगा। इसके नतीजे अगले साल फरवरी तक आने की उम्मीद है।
ये वैक्सीन भी दौड़ में-
सूत्रों के मुताबिक वैक्सीन को लेकर जल्द एक ऐप आएगा। इसमें जानकारी भरनी होगी कि आप फ्रंटलाइन वर्कर, सेकंड फ्रंट लाइन वर्कर ( फील्ड सर्विलांस, पैरामेडिक्स जैसे), बुजुर्ग (60 साल से ज्यादा है) या 50 साल से ऊपर है और कोई और बीमारी है, जैसी जानकारी अपने नाम, पते और मोबाइल नंबर के साथ देनी होगी। ऐप पर डिटेल देने के बाद मैसेज के जरिए जानकारी दी जाएगी की कब और कहां आपको वैक्सीन दी जाएगी। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन है। पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा इसका तीसरे चरण का ट्रायल किया जा रहा है। तीसरी वैक्सीन जाइडस कैडिला की वैक्सीन है। इसका परीक्षण पहले और दूसरे चरण में है। चौथी वैक्सीन रूस की स्पूतनिक-V है। इसके दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति मिली है। भारत में इसका परीक्षण दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज कर रही है। अनुमान के मुताबिक 2021 के शुरू के दो-तीन महीनों से वैक्सीन लोगों को लगाने के लिए उपलब्ध होनी शुरू हो जाएगी। वैक्सीन के आने की भले ही अभी कोई तारीख तय नही हुई है लेकिन सरकारों ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
दिल्ली एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल पर भी तैयारियां शुरू-
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना की वैक्सीन के लिए कोल्ड स्टोरेज सेंटर बनाने का काम शुरू हो गया है। ये कवायद इसलिए है, ताकि जब वैक्सीन आए, तो उसे रखने का पूरा इंतजाम हो। खास तौर पर ये निर्देश दिये गये हैं कि 15 दिसंबर से पहले प्रशासन को अपनी सभी तैयारियां पूरी कर लेनी हैं। वैक्सीन को एक सेट टेंपरेचर पर रखा जाएगा। उससे नीचे या ऊपर अगर वैक्सीन को रखा जाएगा, तो उसके खराब होने की आशंका होगी. इसलिए दिल्ली एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल पर भी तैयारियां की जा रही हैं। जीएमआर का कहना है कि उसने कार्गो टर्मिनल को वैक्सीन के लिए तैयार करना शुरू कर दिया गया है। वहीं कोरोना वैक्सीन कूल चेन में ही रहे। से में इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर दो कार्गो टर्मिनल को तैयार किया जा रहा है। जीएमआर के मुताबिक 25 डिग्री से 20 डिग्री तक जो भी उचित टेंपरेचर हो उस पर बनाये रखने के लिए व्यवस्था कर दी गई है।