लखनऊ। देश के किसी भी राज्य में चुनाव आने से पहले राजनीतिक पार्टियों की हलचलें तेज हो जाती है। ऐसा ही कुछ अब इन दिनों उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है। जैसा सभी जानते हैं कि यूपी में पंचायत चुनाव होने वाले है। जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। चुनाव जीतने की चाह में सभी राजनीतिक दलों चुनावी मैदान में उतर गए हैं। पंचायत चुनाव में राजनीतिक पार्टियों की भागेदारी करने का कुछ मतलब यूपी में 2022 में आने वाले विधानसभा चुनाव हैं। जिसको भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस, एआईएमआईएम से लेकर आम आदमी पार्टी तक पंचायत चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं।
साल 2010 के पैटर्न के आधार पर होगा चुनाव-
बता दें कि यूपी में पंचायत चुनाव को लेकर सियासत गर्मायी हुई है। सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं। इसके साथ ही बता दें कि उत्तर प्रदेश में पंचायत के चुनाव मार्च के दूसरे हफ्ते में प्रस्तावित हैं और तकरीबन एक महीने तक यह चुनाव चलेंगे। इस बार चुनाव साल 2010 में जिस पैटर्न पर हुए थे उसी पैटर्न पर कराने की तैयारी है। यानी सभी चारों पदों के लिए चुनाव एक चरण में एक साथ कराया जाएगा। जिसके चलते इस बार भी ग्राम प्रधान, सदस्य ग्राम पंचायत, सदस्य क्षेत्र पंचायत और सदस्य जिला पंचायत के चुनाव एक साथ एक चरण में ही कराए जाने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए फाइनल वोटर लिस्ट 22 जनवरी को प्रकाशित भी हो चुकी है और इस बार इन चुनाव में वोटरों की कुल संख्या 12 करोड़ 40 लाख से ज्यादा है।
कम हुई ग्राम पंचायत की संख्या-
वहीं इस बार ग्राम पंचायतों की संख्या 2015 के मुकाबले कुछ कम हुई हैं। क्योंकि कई ग्राम पंचायतों को अलग-अलग नगर निगमों में शामिल कर लिया गया है। साल 2015 में जहां कुल ग्राम पंचायतें 59,162 थी, वहीं इस बार इनकी संख्या घटकर 58,194 हो गई है।