नई दिल्ली। दिल्ली के चारों ओर किसानों का आंदोलन पिछले 70 दिन से जारी है। वहीं राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ गाजिपुर बाॅर्डर पर डटे हुए हैं। दूसरी तरफ मुजफ्फरनगर में हुई महापंचयत में दिल्ली कूच करने का ऐलान किया गया है। सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को एक बार फिर से हिंसा देखने को मिली। यहां धरनास्थल खाली कराने आए स्थानीय लोगों और किसानों के बीच पथराव हुआ। वहीं दूसरी और आज 26 जनवरी की हिंसा पर दुख प्रकट करते हुए किसान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उपवास रखेंगे।
इसी बीच गाजीपुर बॉर्डर और आस-पास के इलाकों में इंटरनेट सेवा रोक दी गई है। बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ डटे हुए हैं। इससे पहले किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने सिंघु बॉर्डर पर इंटरनेट सेवा बहाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हमारी बातें लोगों तक नहीं पहुंच सके इसके लिए इंटरनेट सेवा रोकी गई है।
इधर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में शुक्रवार को किसानों की महापंचायत हुई। इसमें फैसला किया गया कि मुजफ्फरनगर और पश्चिमी यूपी के अन्य जिलों से किसान शनिवार को दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। महापंचायत में सियासी दलों के नेता भी पहुंचे। राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी मंच साझा किया था।
कृषि कानून के मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। वहीं विपझ ने भी अपनी खोई हुई जमीन तलाश रहा है। शुक्रवार को काफी कुछ हुआ। पश्चिमी युपी से किसान गाजिपुर बाॅर्डर पहुंचते रहे। वहीं दूसरी तरफ राकेश टिकैत के भाई ने मुजफ्फरनगर में किसानों की पंचायत बुलाई और सरकार से साफ कह दिया कि अगर हिम्मत है तो राकेश टिकैत को गिरफ्तार करके दिखाए। गौरतलब है कि राकेश टिकैत के मीडिया के सामने रोने वाली वीडियों वायरल होने पर माहौल दोबार बदल गया है। और एक बार फिर माहौल राकेश टिकैत के हक में जाता दिख रहा है। शुक्रवार को गाजिपुर बाॅर्डर पर टिकैत ने साफ कर दिया कि वो गिरफ्तारी नहीं देंगे।
वहीं दूसरी और दिल्ली पुलिस उनको लुक आउट नोटिस जारी कर चुकी है। हालांकि शुक्रवार से ही सरकार ने अपने पैर वापस खींचने शुरु कर दिए है तो वहीं दूसरी ओर सिंघु बाॅर्डर पर शुक्रवार शाम भारी बवाल हो गया। वहां के स्थानीय लोग दो महीने से चल रहे धरना स्थल को खाली कराने आ गए और इसी दौरान जनता और किसानों के बीच पत्थरबाजी हो गई। इतना सब कुछ होने पर अब गाजिपुर बाॅर्डर राजनीति का अखाड़ा बन गया है। अब देखना होगा कि सरकार का अगला कदम क्या होता है क्या सरकार किसानों की बात मानेगी या नहीं या फिर किसाना आंदोलन अभी यूं ही चलता रहेगा। यह गतिरोध कब तक चलता है पूरे देश की नजर इसी पर बनी हुई हैं।
कांग्रेस करेगी टैक्टर रैली-
दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च के बाद झारखंड में किसानों के समर्थन में कांग्रेस टैक्टर रैली निकालने की तैयारी में है. कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव और राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने 31 जनवरी को ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया है. यह रैली देवघर के शहीद चौक से कारगिल चौक के लिए निकलेगी. यहां दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान राज्य के कांग्रेस प्रमुख रामेश्वर ओरान और राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम भी मौजूद रहेंगे.