नई दिल्ली। किसान आंदोलन को आज 38 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक किसानों की मांग नहीं मांगी गई। इस कड़ाके की ठंड मे भी किसान राजधानी दिल्ली को चारों ओर से घेरकर बैठे हैं। ऐसी सर्द रात को खुले आसमान के बीच काट रहे हैं और अपनी मांगों से पीछे हटते नजर नहीं आ रहे। पिछले पांच सप्ताह से चल रहे आंदोनल में कई किसानों की जान जा चुकि है लेकिन सरकार बेखबर बैठी है। आज सुबह फिर किसान आंदोलन से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई कि किसानों के आंदोलन में शामिल एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
जानकारी के अनुसार कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दौरान गाजियाबाद में दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के धरने में शामिल एक किसान ने फांसी लगा ली है। किसान ने धरनास्थल पर शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या की है।
आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी-
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का धरना कड़ाके की सर्दी में भी जारी है। किसान सरकार से बातचीत के पहले सख्त तेवर दिखा रहे हैं। किसानों ने साफ किया है कि उन्हें कृषि कानून वापस लिए जाने से कम मंजूर नहीं। किसान नेताओं का कहना है कि कृषि कानून वापस लिए जाने तक आंदोलन जारी रहेगा।
4 जनवरी को होगी अगली बैठक-
आज किसान आंदोलन का 38वां दिन है। कड़ाके की ठंड के बीच किसान अपनी मांगों पर डटे हुए हैं। सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। इससे पहले किसान और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत में पूरा समाधान तो नहीं निकला लेकिन विवाद के दो मुद्दों पर सहमति बन गई थी। किसानों और सरकार के बीच अब 4 जनवरी को अगली बैठक होनी है।
सकारात्मक नतीजों की उम्मीद- नरेंद्र तोमर
इस बार उम्मीद की जा रही है कि इस दिन गतिरोध खत्म हो सकता है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा है कि उन्हें भरोसा है कि 4 जनवरी को सकारात्मक नतीजे आएंगे।