नई दिल्ली। बिहार पुलिस के मुखिया DGP Gupteshwar Pandey VRS चर्चाओं में है। वीआरएस की मंजूरी मिलने के बाद रिया चक्रवर्ती के वकील के साथ शिवसेना ने जमकर निशाना साधा है।
रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानदेय ने तंज कसते हुए बयान में कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत को नहीं बल्कि गुप्तेश्वर पांडे को न्याय मिला है। इस प्रकरण में शिवसेना नेता संजय राउत ने भी गुप्तेश्वर पांडे के वीआरएस पर प्रतिज्ञा व्यक्ति की है उन्होंने कहा है कि, ‘राजकीय तांडव करने का ईनाम उन्हें दिया गया है. मुंबई केस में एक आईपीएस होकर राजनीतिक एजेंडा चलाने का फल आज मिला है।’
DGP Gupteshwar Pandey VRS पर शिवसेना भी हमलावर
रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मान शिंदे ने गुप्तेश्वर पांडे पर बयान देते हुए कहा कि जिस तरह से बिहार सरकार ने गुप्तेश्वर पांडे का वीआरएस 24 घंटे के भीतर ही स्वीकार कर लिया है उससे तो यही लगता है कि सुशांत को नहीं बल्कि पांडे को ही बिहार सरकार ने न्याय दिलाने का काम किया है।
शिव सेना की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर गुप्तेश्वर पांडे के वीआरएस पर निशाना साधा है उन्होंने कहा है कि, ‘राजनीति करनी है तो जम के करो, चुनाव लड़ना है तो साहस और सत्य पर लड़ो। पर इस ‘गुप्त’ तरीक़े से, किसी की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से अपने कैंपेन की शुरुआत करना वो बहुत दुखदाई भी है और दुर्भाग्यपूर्ण भी. भगवान आपको सफलता से पहले सदबुद्धि दे, यही मनोकामना है।’
5 महीने पहले ही ले लिया वीआरएस
DGP Gupteshwar Pandey VRS चर्चाओं में इसलिए भी है क्योंकि महज 5 महीने का कार्यकाल बच रहा था और ऐसे में 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडे को इतनी भी जल्दी क्या थी कि वीआरएस लेना पड़ा। राज्य के पुलिस महानिदेशक के रूप में गुप्तेश्वर पांडेय का कार्यकाल 28 फरवरी 2021 को पूरा होने वाला है. वहीं अब पांडेय द्वारा विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही है।
अब यह होंगे नए डीजीपी
DGP Gupteshwar Pandey VRS को स्वीकार किए जाने के बाद बिहार में नए डीजीपी एसके सिंघल बनाए गए हैं। यही नहीं बिहार सरकार ने पुलिस विभाग में कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के भी कार्यों में हेराफेरी की है। बिहार के नए डीजीपी एसके सिंघल इससे पहले डीजी अग्निशामक के पद पर तैनात थे।
तो क्या राजनीति करेंगे डीजीपी
आपको बता दें कि बिहार चुनाव सर पर है और ऐसे में बिहार में राजनीतिक जोड़-तोड़ और पार्टियों में गठजोड़ का मामला तूल पकड़े हुए हैं। आने वाले समय में यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि क्या बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे चुनावी अखाड़े में ताल ठोकने को तैयार होंगे? क्या जदयू के टिकट पर गुप्तेश्वर पांडे के चुनाव लड़ने की चर्चा साकार रूप ले पाएगी?