विरोध कर रहे किसानों ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद शनिवार (12 दिसंबर) को चीला बॉर्डर (दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर) को यातायात के लिए खोल दिया. तीन नए कृषि बिलों के विरोध के रूप में किसानों ने सीमा को 12 दिनों से बंद किया हुआ था.
सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद थे. किसानों ने केंद्रीय रक्षा मंत्री के सामने 18 मांगें पेश की, प्रमुख किसान आयोग की स्थापना कर रहे हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग सूची से गायब थी.
दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) की पंजाब इकाई ने रविवार (13 दिसंबर) को दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस वे बंद करने की धमकी दी है. अगर किसान दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस-वे को ब्लॉक करते हैं, तो उत्तरी राज्यों को पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों से संपर्क खो देगा. इससे क्षेत्रों से राशन और अन्य जरूरी खाद्य सामग्री की आपूर्ति बाधित हो सकती है.
इस बीच प्रदर्शनकारियों ने बीते दिन (12 दिसंबर) को कई टोल प्लाजा को भी मुक्त कर दिया. उत्तर प्रदेश के खंदौली में यमुना एक्सप्रेस-वे और आगरा-अलीगढ़ हाईवे पर पुलिस और किसानों के बीच तकरार हो गई. पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि कुछ किसान नेताओं को घर में नजरबंद रखा गया. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए टोल प्लाजा और हाईवे पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है.