नई दिल्ली। जैसा कि सभी जानते हैं किसान आंदोलन को दो महीने से ज्यादा हो चुके हैं। किसान आंदोलन रूकने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके चलते ये आंदोलन हर दिन उग्र होता जा रहा है। इसके साथ ही लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर किसानों के समर्थन में लगातार पोस्ट शेयर की जा रही है। जिनका गलत प्रभाव देखने को मिल रहा है। लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ गलत तरीके से अफवाह फैलाई जा रही है। जिसके चलते आज सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म की तरफ से कड़ा रूख अपनाया है। जिसके चलते केन्द्र सरकार ने किसान नरसंहार से संबंधित सामग्री, खाते हटाने के अपने आदेश का अनुपालन करने के लिए ट्विटर को नोटिस जारी किया। इसके साथ ही सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर आदेश का पालन नहीं कारने पर कड़ी क़ानूनी करवाई की जाएगी।
जानें सरकार ने क्या नोटिस जारी किया-
बता दें कि किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा जमकर पोस्ट की जा रही है। जिसके चलते सोशल मीडिया पर की पोस्टों में कुछ सरकार के खिलाफ तो कुछ किसानों के खिलाफ होती हैं। जिसके चलते केन्द्र सरकार ने किसान नरसंहार से संबंधित सामग्री, खाते हटाने के अपने आदेश का अनुपालन करने के लिए ट्विटर को नोटिस जारी किया। यह नोटिस इसलिए जारी किया गया है कि हैशटैग के साथ कंटेंट ट्विटर पर पोस्ट किया गया था। जिसे इन्फ्लेशन पैशन, नफरत और बहुत गलत तरीके से अफवाह फैलाने वाला और भड़काऊ बनाया गया था। जिसके चलते सूत्रो के मुताबिक सरकार ने नोटिस में आधा दर्जन से अधिक सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को संवैधानिक बेंचों के फैसलों को उद्धृत किया गया है कि सार्वजनिक व्यवस्था क्या है और अधिकारियों के अधिकार क्या हैं।
ट्विटर अदालत की भूमिका नहीं निभा सकता-
इसके साथ ही ट्विटर एक मध्यस्थ होने के नाते सरकार के अनुसार निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य है। क्योंकि भड़काऊ सामग्री शान्ति और व्यवस्था को प्रभावित करेगी। इसके साथ ही ट्विटर अदालत की भूमिका नहीं निभा सकता है और आदेश ना मानने के लिए किसी भी का औचित्य को सही साबित नहीं कर सकता, सरकारी आदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए ट्विटर पर फेस फेस पेनल एक्शन लिया सकता है।