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विज्ञान भवन में वार्ता शुरु: अपनी मांगों पर अड़े किसान, कृषि मंत्री बोले, “सरकार ने मानी हैं अधिकतर मांगे”

WhatsApp Image 2021 01 15 at 2.49.12 PM विज्ञान भवन में वार्ता शुरु: अपनी मांगों पर अड़े किसान, कृषि मंत्री बोले, "सरकार ने मानी हैं अधिकतर मांगे"

नई दिल्ली। किसान आंदोलन को आज 51वां दिन है और शुक्रवार को नौवें दौर की बातचीत विज्ञान भवन में शुरु हो चुकी है। कृषि मंत्री बातचीत के लिए विज्ञान भवन पहुंच चुके हैं वहीं किसान नेता भी विज्ञान भवन पहुंच चुके हैं और बैठक शुरु हो गई है। इसी बीच खबर यह आ रही है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमन ने किसानों से कहा है कि सरकार ने किसानों की अधिक्कतर मांगे मान ली है। इसी बीच विज्ञान भवन पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कहेगा तो नहीं निकालेंगे टैक्टर मार्च।

 

किसान संगठनों और सरकार के बीच नौवें दौर की बातचीत शुरू हो गई है, ये चर्चा विज्ञान भवन में हो रही है। किसान नेता राकेश टिकैत ने बयान दिया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट कहेगा तो किसान अपनी रिपब्लिक डे वाली ट्रैक्टर परेड को वापस ले लेंगे। आपको बता दें कि किसानों ने कृषि कानून के खिलाफ 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है, जो लालकिले तक होगी।

 

अपनी मांगों पर अड़ें किसान-

कृषि कानून के मसले पर किसान संगठनों और सरकार के बीच अब से कुछ देर में बातचीत शुरू होगी। किसान नेता विज्ञान भवन पहुंच चुके हैं। यहां किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को इन तीन कानूनों को वापस लेना होगा और एमएसपी पर लिखित गारंटी देनी होगी। दूसरी ओर केंद्र सरकार की ओर से कषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने एक बार फिर उम्मीद जताई गई है कि आज की बातचीत के जरिए समाधान निकलेगा।

 

किसान संगठनों के ग्रुप में शामिल किसान नेता अभिमन्यु का कहना है कि जब तक तीनों कानून रद्द नहीं होते हैं और एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनता है, तबतक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। जहां तक सुप्रीम की कमेटी का मामला है, उसमें तो वही लोग सदस्य बनाए गए हैं जो इन कानूनों के समर्थन करते रहे हैं।

 

ठुकराया सरकार का प्रस्ताव-

सरकार के साथ बैठक में किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को फिर से नकार दिया है. किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कानून वापस लिए जाएं।

दूसरी ओर सिख फॉर जस्टिस संगठन की ओर से चीफ जस्टिस बोबड़े को चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें उन्होंने अपील की है कि किसानों को 26 जनवरी को केसरी ट्रैक्टर रैली निकालने से ना रोका जाए।

 

 

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