राज्यसभा में विपक्ष के 8 सांसदों के निलंबन पर रार बनी हुई हैं। अब राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को विपक्ष के 8 सांसदों की बहाली की मांग रखी साथ ही कहा कि जब तक उच्च सदन के 8 सदस्यों का, मानसून सत्र की शेष अवधि से निलंबन वापस नहीं लिया जाता तब तक विपक्ष कार्यवाही का बहिष्कार करेगा।
आजाद ने की MSP के लिए विधेयक लाने की मांग
शून्यकाल के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में यह भी मांग करते हुए कहा कि सरकार को ऐसा विधेयक लाना चाहिए जो यह सुनिश्चित करे कि निजी कंपनियां सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम दाम में किसानों का अनाज न खरीदें।
इसके साथ ही आजाद ने कहा कि सरकार को स्वामीनाथन फार्मूले के अनुसार, समय समय पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करते रहना चाहिए।
आजाद ने सरकार पर की टिप्पणी
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे सरकार के अंदर तालमेल का अभाव है। एक दिन पहले ही कृषि विधेयकों पर पूरी चर्चा MSP पर केंद्रित रही और उसके 1 दिन बाद सरकार ने कई फसलों के लिए MSP की घोषणा कर दी।
बता दें कि रविवार को राज्यसभा में दुर्व्यवहार करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और आप के संजय सिंह के अलावा विपक्ष के 6 और सदस्यों को सोमवार को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।
सरकार ने किया सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव पेश
संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने रविवार को कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान हुए हंगामे में असंसदीय आचरण को लेकर विपक्ष के 8 सदस्यों को मौजूदा सत्र के शेष समय के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव कल पेश किया था जिसे सदन ने ध्वनि मत से मंजूरी देकर सभी 8 सदस्यों को निलंबित कर दिया।
राज्यसभा के मूनसून सत्र से निलंबित किए गए 8 सदस्यों में कांग्रेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम व आप के संजय सिंह शामिल हैं।