देहरादून। भारत के किसी भी राज्य में किसानों की आत्महत्या करने का मामला थम नहीं रहा है। कर्ज में डूबे काश्तकारों के आत्महत्या करने की कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है। कंचनपुरी गांव के रहने वाले 45 वर्षीय काश्तकार रामअवतार पुत्र रामप्रसाद ने शनिवार की रात पेड़ पर गमछे से फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। प्रदेश में कर्ज में डूबे काश्तकार द्वारा आत्महत्या करने का यह दूसरा मामला है। इसके बाद प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई है।
मृतक किसान रामअवतार कंचनपुर गांव में खेत में पानी लगाने की बात कह कर घर से गया था। दो दिन पहले ही रामअवतार को बैंक से नोटिस जारी किया गया था। राम अवतार पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का एक लाख 97 हजार व बैंक ऑफ बड़ौदा का पौने दो लाख रुपये कृषि कर्ज बकाया था। इसको लेकर वह परेशानी में चल रहा था। शनिवार की रात उसने अपने ही खेत में यूके लिप्टिस के पेड़ पर फंदा लगाकर और उस पर झूलकर अपनी जान दे दी। मृतक की 7 बेटी और एक बेटा है। इस घटना से उसके परिवार में कोहराम मच गया है। बताया जाता है की राम अवतार के पास ढाई एकड़ जमीन थी, जिससे उसके परिवार की आजीविका चलती थी।
आपको बता दें की 17 जून को पिथौरागढ़ के बेरीनाग तहसील के पुरानाथल गांव के सरतोला तोक निवासी सुरेंद्र सिंह (60) पुत्र राम सिंह ने कर्ज के चलते उसने जहर पीकर आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के बाद ग्रामीणों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बेरीनाग में ऋण माफी की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था।