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फतेहपुर: जच्चा बच्चा दोनों की हुई मौत

0000777 फतेहपुर: जच्चा बच्चा दोनों की हुई मौत

उत्तर प्रदेश। कहते हैं ज़िंदगी और मौत भगवान् के हाथ में होती हैं  लेकिन मौत कब किसको अपने आगोश में समाले यह कोई नहीं जानता, एक माँ जिसने 9 माह अपने बच्चे को गर्भ में रख कर अपने खून से पाला पोसा मगर जन्म देने के बाद उसने अपने नवजात बच्चे का मुँह तो देखा मगर जीवित अवस्था में नहीं। अभी दिल पर यह सदमे की चोट के ज़ख्म भरे भी नहीं थे। मौत और जिंदगी के बीच सांसें गिन्ने वाली माँ की हालत बिगड़ गयी और इलाज के दौरान उसने भी दुनिया को  अलविदा कह दिया। इसको भी भगवान् की महिमा ही कहा जाता है। वही परिजनों का रो-रो कर  बुरा हाल हैं।

0000777 फतेहपुर: जच्चा बच्चा दोनों की हुई मौत

पूरा मामला फतेहपुर जिले के मलवा थाने क्षेत्र के जखनी गाँव निवासी उर्मिला जिसके पेट में 9 माह का गर्भ पल रहा था खाना खाने के बाद उर्मिला अपने बिस्तर पर सोने के लिये चली गयी। थोड़ी देर के बाद उर्मिला के पेट  में दर्द उठा। इसकी जानकारी पति को दी तो पति को समझने  में जरा भी समय नहीं लगा और आनन् फानन् में उर्मिला को लेकर पति नजदीकी स्वास्थ केन्द्र क़ुराई ले गया। जहाँ डाक्टरों की टीम उर्मिला के उपचार में जुट गयी। उर्मिला ने एक बच्ची को जन्म दिया, मगर ये किसी को नही पता था कि ईश्वर ने चन्द सांसे ही बच्ची को जीने के लिए दी है और थोड़े समय के बाद उसने दुनिया को अलविदा कह दिया। यही नहीं इन हालातो के बाद भी स्वास्थ केंद्र के स्टॉफ और बहु आशा ने दवाई के नाम पर चार सौ  रुपए पीड़ितों से ले लिये।  बच्ची के जन्म के बाद उर्मिला के हो रही ब्लीडिंग को रोक पाने में असमर्थ होने पर प्रसूता को महिला जिला अस्पताल के लिए रैफर कर दिया।  जहाँ उपचार के दौरान प्रसूता ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। वही उर्मिला की मौत पर अस्मंजस बना हुआ हैं।

महिला अस्पताल की सी.एम.एस. रेखा रानी की मानी जाय तो उनका कहना हैं कि प्रसूता  की मौत रास्ते में लाते समय ही हो गयी थी और एम्बूलेंस के ड्राईवर का कहना है कि जब उसने मरीज को महिला जिला अस्पताल मे रिसीव कराया उस वक्त मरीज जिन्दा था, मगर  दूसरी तरफ  अगर महिला की मौत रास्ते में हो गयी थी तो उसको महिला जिला अस्पताल मे इलाज के लिए भर्ती क्यों किया गया। खैर अब प्रसूता तो दुनिया से चली ही गई, मगर अपने पीछे बहुत से ऐसे सवाल व राज छोड़ गयी। सरकार के अथक प्रयास के बाद भी अस्पताल की लचर व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान उठाते नज़र आ रहे हैं। उर्मिला की मौत ने अपने पीछे कई ऐसे सवाल छोड़ दिए हैं। जिनका जवाब शायद ही किसी के पास हो। और उर्मिला की मौत की पुष्टी सी.एम.एस. रेखा रानी और उनके स्टाफ के अन्य लोग एक-दूसरे पर टाल रहे है।

 

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